एटा। रविवार को एटा जनपद के जलेसर क्षेत्र स्थित मोहनपुर गांव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस अवसर पर पूर्व सांसद राजवीर सिंह ‘राजू भैया’ और सांसद साक्षी महाराज ने प्रतिमा का संयुक्त रूप से अनावरण किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप जैन सहित लोधी समाज के हजारों लोग और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
राम मंदिर बाबूजी की देन: साक्षी महाराज
मंच से संबोधित करते हुए सांसद साक्षी महाराज ने स्व. कल्याण सिंह को अयोध्या राम मंदिर निर्माण का वास्तविक शिल्पकार बताया। उन्होंने कहा, “अगर बाबरी ढांचे के समय कल्याण सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलवाने की अनुमति दी होती, तो आज राम मंदिर का सपना अधूरा रह जाता। अयोध्या में जो भव्य मंदिर बना है, वह बाबूजी की दूरदृष्टि और दृढ़ संकल्प का परिणाम है।”
भाजपा से नाराज दिखे साक्षी महाराज
साक्षी महाराज ने मंच से लोधी समाज को संगठन में उचित भागीदारी न मिलने को लेकर भाजपा नेतृत्व पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा, “उमा भारती के जाने और बाबूजी के निधन के बाद लोधी समाज को न सत्ता में सम्मान मिला और न संगठन में भागीदारी। यह समाज बिना मांगे वोट देता है, लेकिन अब उसे हिस्सा चाहिए।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कल्याण सिंह न होते, तो बहन मायावती आज जिंदा न होतीं। जो लोग आज सत्ता में हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए।”
“हम वोट देते हैं, पर गिने नहीं जाते”: एसपी सिंह बघेल
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भी समाज को एकजुट रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “हम वोट तो देते हैं, पर गिने नहीं जाते। अब समय आ गया है कि जातिगत जनगणना हो, जिससे हर जाति की वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सके।”
उन्होंने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा, “सत्ता वह चाबी है जिससे दुनिया के ताले खुलते हैं, लेकिन शिक्षा वह चाबी है जिससे जंग लगे ताले भी खुलते हैं। बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा, वह दहाड़ेगा।”
“बाबूजी को सम्मान देना हर समाज का कर्तव्य”
पूर्व सांसद राजू भैया ने कहा, “राम मंदिर के लिए बाबूजी ने मुख्यमंत्री पद का त्याग किया और विध्वंस की पूरी जिम्मेदारी खुद ली। उनके सम्मान में यह प्रतिमा स्थापित करना हम सभी के लिए गौरव की बात है।”
नाती संदीप सिंह की गैरमौजूदगी चर्चा में
कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए थे। एएसपी राजकुमार सिंह और सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की निगरानी में भारी पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि, कार्यक्रम में स्व. कल्याण सिंह के नाती एवं राज्य सरकार में मंत्री संदीप सिंह की अनुपस्थिति को लेकर कई चर्चाएं भी हुईं।
यह कार्यक्रम समाज में राजनीतिक चेतना और भावनात्मक एकजुटता का भी प्रतीक बन गया।