आगरा। अपर जिला जज (एडीजे) 23 अमित कुमार यादव ने अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को निरस्त कर दिया है। यह आदेश शशि कुमार द्वारा अपनी पत्नी बबिता और साले मीनू गोपाल के खिलाफ दायर एक परिवाद से संबंधित था। सत्र न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय को इस मामले में दोबारा सुनवाई कर विधि अनुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
क्या था मामला?
कमला नगर निवासी शशि कुमार ने अपनी पत्नी श्रीमती बबिता और साले मीनू गोपाल के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। शशि कुमार ने बताया कि उनकी शादी 2017 में बबिता से हुई थी। 5 सितंबर 2018 को बबिता का भाई मीनू गोपाल घर आया और अपनी बहन को ले गया। जब शशि की मां ने इसका विरोध किया तो मीनू ने उनके साथ अभद्रता की। शशि की पत्नी और भाई घर से मां का मंगलसूत्र, दो अंगूठी, पायल और अलमारी से दस हजार रुपये निकालकर ले गए। जाते समय पत्नी ने कहा कि जब तक यह मकान उसके नाम नहीं किया जाएगा, वह वापस नहीं आएगी।
अधीनस्थ न्यायालय का आदेश और सत्र न्यायालय में चुनौती
इस मामले में अधीनस्थ न्यायालय ने 19 अगस्त 2023 को शशि कुमार की पत्नी और साले को अमानत में खयानत के आरोप में तलब करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ पत्नी और साले ने अपने अधिवक्ता नीरज पाठक के माध्यम से सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका दाखिल की थी।
सत्र न्यायालय का फैसला
एडीजे 23 अमित कुमार यादव ने रिवीजन याचिका स्वीकार करते हुए अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया। सत्र न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में दोबारा सुनवाई करे और कानून के अनुसार नया आदेश पारित करे।