आगरा: 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांगला की ऐतिहासिक लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा में रेजांगला के युद्धस्थल से कलश में मिट्टी भरकर लाई गई है, जिसे वीरगति प्राप्त सैनिकों के घरों तक पहुंचाया जाएगा। आगरा में इस यात्रा का स्वागत और कार्यक्रम आज शाम 6 बजे राजपुर चुंगी स्थित शहीद गोविंद की मूर्ति के पास निर्धारित है।
रेजांगला की लड़ाई भारतीय सैन्य इतिहास में शौर्य और बलिदान का एक अद्भुत उदाहरण है। मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं रेजिमेंट के मात्र 120 भारतीय सैनिकों ने लगभग 3000 चीनी सैनिकों के साथ भयंकर युद्ध लड़ा था। इस असाधारण शौर्य के कारण 1300 चीनी सैनिक मारे गए और 400 घायल हुए, जबकि हमारे 110 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए।
इस युद्ध में पूरे उत्तर प्रदेश के 24 सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें आगरा के भी एक वीर सैनिक शामिल थे। इस यात्रा की सबसे खास बात यह है कि इसमें रेजांगला युद्ध के एक जीवित सैनिक भी साथ चल रहे हैं, जो उन अविस्मरणीय पलों के साक्षी रहे हैं। यह यात्रा न केवल शहीदों को सम्मान दे रही है, बल्कि नई पीढ़ी को उनके बलिदान और शौर्य से अवगत करा रही है।