ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला: स्मार्टफोन, लैपटॉप और चिप्स पर आयात शुल्क से राहत

Manisha singh
3 Min Read

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में लागू किए गए रेसिप्रोकल टैरिफ से कुछ महत्वपूर्ण तकनीकी उत्पादों को बड़ी राहत दी है। ब्लूमबर्ग समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन, लैपटॉप और सेमीकंडक्टर चिप्स को इन नए आयात शुल्कों के दायरे से बाहर रखा गया है।

यह निर्णय राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी 145 प्रतिशत शुल्क और अन्य देशों से आने वाले उत्पादों पर 10 प्रतिशत का बेसलाइन ड्यूटी लगाने के बाद आया है। यह कदम विशेष रूप से एप्पल जैसी दिग्गज तकनीकी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि ये कंपनियां अपने अधिकांश उत्पादों का निर्माण और असेंबली चीन में ही कराती हैं।

See also  उत्तर प्रदेश ब्राह्मण महासभा की युवा मोर्चा के पदाधिकारियों का हुआ गठन

ब्लूमबर्ग ने अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग (U.S. Customs and Border Protection) के नोटिस का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि यह छूट 5 अप्रैल से अमेरिकी सीमा में प्रवेश करने वाले या गोदामों से निकाले जाने वाले उत्पादों पर प्रभावी मानी जाएगी।

एक अमेरिकी एजेंसी के अनुमान के मुताबिक, एप्पल के लगभग 90 प्रतिशत से अधिक आईफोन का निर्माण चीन में होता है। इसके अतिरिक्त, इस छूट के दायरे में आने वाले अन्य तकनीकी उत्पादों में टेलीकॉम उपकरण, चिप निर्माण मशीनें, रिकॉर्डिंग डिवाइस, डेटा प्रोसेसिंग मशीनें और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली शामिल हैं। गौरतलब है कि इन उत्पादों का उत्पादन आमतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यापक स्तर पर नहीं होता है।

See also  गुरुग्राम पुलिस की तत्परता से बची एक और जान, ERV टीम ने 6 मिनट में नाकाम की आत्महत्या की कोशिश

विशेषज्ञों का मानना है कि इन उत्पादों के लिए घरेलू उत्पादन इकाइयां अमेरिका में स्थापित करने में कई साल लग सकते हैं। ऐसे में, इस छूट से अमेरिकी तकनीकी कंपनियों को एक अस्थायी राहत जरूर मिलेगी। हालांकि, रिपोर्टों से यह भी संकेत मिलता है कि यह फैसला स्थायी नहीं हो सकता है। माना जा रहा है कि इन उत्पादों पर जल्द ही अलग टैरिफ लगाया जा सकता है, जो संभवतः चीन के लिए मौजूदा 145 प्रतिशत शुल्क से कम होगा।

इस फैसले से अमेरिकी तकनीकी कंपनियों ने राहत की सांस ली होगी, लेकिन भविष्य में इन उत्पादों पर लगने वाले संभावित शुल्कों को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।

See also  कछुआ बचाओ, पर्यावरण बचाओ: आगरा में जैव विविधता और जलीय जीवों के संरक्षण की अपील
Share This Article
Follow:
Granddaughter of a Freedom Fighter, Kriya Yoga Practitioner, follow me on X @ManiYogini for Indic History and Political insights.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement