आगरा, उत्तर प्रदेश। फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक चौधरी बाबूलाल एक बार फिर अपने तेवर और बेबाक अंदाज को लेकर सुर्खियों में हैं। अक्सर लीक से हटकर बोलने और जनता के मुद्दों पर मुखर रहने के लिए मशहूर चौधरी बाबूलाल ने आज ईदगाह रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक), आगरा को सबके सामने खरी खोटी सुनाई, जिससे सभागार में सन्नाटा पसर गया।
अमृत भारत स्टेशन कार्यक्रम में गरमाई राजनीति
यह घटना तब हुई जब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जा रहा था। आगरा में इस अवसर पर ईदगाह रेलवे स्टेशन पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें जनपद के सभी जनप्रतिनिधि और रेलवे के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
जब जनप्रतिनिधियों के संबोधन का क्रम आया, तो चौधरी बाबूलाल ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बोलना शुरू किया। उनके तेवर देखकर पूरा सभागार शांत हो गया और लोग सन्न होकर उनकी बातों को सुनने लगे।
डीआरएम को ‘निकम्मा’ कहा, अवैध कब्जों पर घेरा
चौधरी बाबूलाल ने सीधे डीआरएम आगरा को निशाने पर ले लिया। उन्होंने बिना किसी झिझक के डीआरएम को ‘निकम्मा’ तक कह दिया। विधायक ने स्पष्ट शब्दों में आरोप लगाया कि जनता के कार्यों के लिए डीआरएम को फोन करने पर भी उनका फोन नहीं उठता। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे स्टेशनों की जमीनों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं, लेकिन डीआरएम को यह सब दिखाई नहीं देता। चौधरी बाबूलाल ने चेतावनी दी कि वह इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे और जनता के हितों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।
जनता के बीच मजबूत पकड़ और राजनीतिक सफर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में चौधरी बाबूलाल एक ऐसा नाम बन चुके हैं, जिनकी रणनीति और जुझारूपन के विरोधी भी कायल रहते हैं। उनका राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है:
- विगत विधानसभा चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई थी, जिसके बाद कई लोगों ने उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर मान लिया था।
- हालांकि, समय ने करवट बदली और भाजपा की सदस्यता लेने के बाद उन्होंने 2014 में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर न केवल अपने समर्थकों को बल्कि विरोधियों को भी चौंका दिया था।
- 2019 के लोकसभा चुनाव में जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो विरोधी फिर से हावी होने की कोशिश करने लगे, लेकिन चौधरी बाबूलाल ने इसके बाद फिर से विधायकी की सीट हासिल कर ली।
- हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने तमाम विरोध के बावजूद अपने पुत्र को निर्दलीय चुनाव लड़वाकर अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ का प्रदर्शन किया।