झाँसी, उत्तर प्रदेश। जनपद के रक्सा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पलींदा निवासी मोहन आदिवासी का एक परिवार अपनी पट्टे की ज़मीन धोखे से हड़पे जाने के बाद न्याय के लिए दर-दर भटक रहा था। अब उन्हें संघर्ष सेवा समिति और डॉ. संदीप सरावगी का साथ मिला है, जिन्होंने इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई है।
मोहन आदिवासी के पास गांव में ही पट्टे की एक ज़मीन थी, जिसे उसने अपनी पुत्रियों के विवाह और भविष्य के लिए रोजगार सृजन के रूप में संचित कर रखा था। लेकिन, गांव के ही रहने वाले शंकर सिंह राजपूत नामक व्यक्ति ने धोखाधड़ी कर उसकी यह ज़मीन प्रीतम नामक एक अन्य व्यक्ति के नाम कर दी।
जन असहयोग और जानकारी के अभाव के कारण मोहन आदिवासी लंबे समय से न्याय के लिए भटक रहा था। कुछ लोगों ने उसे संघर्ष सेवा समिति कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दी। जानकारी मिलने पर मोहन आदिवासी अपने परिवार के साथ समिति कार्यालय पहुंचे, जहां उनके प्रकरण की पूरी जानकारी ली गई।
आज, डॉ. संदीप सरावगी संघर्ष सेवा समिति के सदस्यों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से मोहन आदिवासी के साथ हुई धोखाधड़ी की पूरी जानकारी दी। डॉ. संदीप ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि, “आदिवासी जन बहुत मेहनत कर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। उनके साथ धोखाधड़ी करने वालों पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।”
अधिकारियों द्वारा इस प्रकरण में न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। न्याय की आस में बैठे आदिवासी परिवार ने न्याय पथ प्रशस्त होता देख डॉ. संदीप और संघर्ष सेवा समिति की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
इस अवसर पर संदीप नामदेव, सुशांत गेडा, आशीष विश्वकर्मा, गोपाल सहारिया, राजू सेन, महेन्द्र रायकवार सहित संघर्ष सेवा समिति के कई सदस्य उपस्थित रहे।