झांसी, उत्तर प्रदेश। भारतीय हॉकी के गौरव और 1975 विश्व कप विजेता टीम के हीरो अशोक ध्यानचंद का मलेशिया से सम्मानित होकर अपने गृह नगर झांसी लौटने पर जोरदार स्वागत किया गया। 50 साल पहले मलेशिया की सरजमीं पर भारत को पहली बार हॉकी विश्व विजेता का तमगा दिलाने वाले अशोक ध्यानचंद का सम्मान मलेशिया में उस टूर्नामेंट की 50वीं वर्षगांठ पर किया गया था।
मलेशिया में ऐतिहासिक सम्मान
अशोक ध्यानचंद ने 1975 के हॉकी विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक गोल दागकर भारत को विश्व चैंपियन बनाया था। उस टूर्नामेंट में मलेशिया तीसरे स्थान पर रहा था, और सेमीफाइनल में भारत ने मलेशिया को 2-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।
मलेशियाई प्रेस और उनकी हॉकी टीम ने अपने ब्रोंज मेडल जीतने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय हॉकी लीजेंड अशोक कुमार को आमंत्रित किया और उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह अशोक ध्यानचंद के लिए एक ऐतिहासिक पल था।
गृह नगर झांसी में अभूतपूर्व स्वागत
मलेशिया से यह ऐतिहासिक सम्मान प्राप्त कर अपने गृह नगर झांसी लौटने पर रेलवे स्टेशन पर उनका अभूतपूर्व स्वागत किया गया। झांसी हॉकी के सचिव और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुबोध खांडेकर, अब्दुल अजीज, सुनील शर्मा, चंद्रमोहन राय, सलीमुद्दीन, और संघ के अन्य पदाधिकारियों ने गर्मजोशी से उनका अभिनंदन किया।
बच्चों को दिए हॉकी के टिप्स
स्वागत के बाद, अशोक ध्यानचंद मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पहुंचे। यहां भीलवाड़ा हॉकी अकादमी और झांसी के नवोदित युवा हॉकी खिलाड़ियों के बीच खेली जा रही तीन मैचों की सीरीज के दौरान उन्होंने बच्चों को कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने खिलाड़ियों को खेल की बारीकियों और जीतने के गुर सिखाए, जिससे युवा खिलाड़ी काफी उत्साहित हुए।
इस अवसर पर क्रीड़ा अधिकारी राजेश सोनकर, बृजेंद्र यादव, राजेश भंडारिया, दीप सारस्वत, अशोक ओझा, सुनीता तिवारी, सुषमा कुमारी, हिक्मत उल्ला, सतीश चंद्र लाला अशोक सेन पाली, और भीलवाड़ा हॉकी अकादमी के कोच अजीत जैन सहित बड़ी संख्या में खेल प्रेमी और अधिकारी मौजूद रहे।