उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सामने सात दिन के भीतर सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। यह परियोजना 27 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद शुरू हुई थी, और अब पुलिस चौकी की 14 फीट ऊंची दीवारें खड़ी हो चुकी हैं। साथ ही, लेंटर भी पड़ चुका है। चौकी के बाहर एक दर्जन से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं और निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। यह पुलिस चौकी जल्द ही संचालन के लिए तैयार होगी।
पुलिस चौकी निर्माण का त्वरित कार्य
सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण 27 दिसंबर को जमीन चिन्हित करने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद सफाई, नींव की खुदाई और मजदूरों द्वारा निर्माण कार्य में तेजी से प्रगति की गई। महज सात दिनों के भीतर चौकी का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना संभल के लिए अहम साबित हो सकती है, क्योंकि यहाँ के शाही जामा मस्जिद के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता थी।
सुरक्षा व्यवस्था में कड़े इंतजाम
शाही जामा मस्जिद के पास हो रहे इस निर्माण कार्य के दौरान शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस प्रशासन ने मस्जिद और आसपास के क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से निगरानी करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में RRF (रैपिड रिस्पांस फोर्स) के जवान तैनात किए गए हैं। मस्जिद की तरफ जाने वाले रास्तों पर भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटा जा सके। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस पूरी तरह से सतर्क और तैयार है।
वक्फ बोर्ड की जमीन पर निर्माण का विवाद
संबंधित पुलिस चौकी के निर्माण पर अब विवाद उठने लगा है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस निर्माण को लेकर आरोप लगाया है कि यह वक्फ बोर्ड की जमीन पर हो रहा है। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि यह जमीन वक्फ नंबर 39-A मुरादाबाद के अंतर्गत आती है और इस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। इस दावे के बाद नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी ने संभल कोतवाली में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद
शाही जामा मस्जिद के आसपास कई वर्षों से विवाद जारी है, खासकर हरिहर मंदिर को लेकर। हाल ही में मस्जिद के अंदर हुए सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि मस्जिद के अंदर 50 से अधिक फूल की कलाकृतियां, दो बरगद के पेड़, एक कुआं और घंटा लटकाने वाली लोहे की जंजीर भी मिली है। इसके अलावा, मंदिर के स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव किए गए हैं।
सम्बंधित सर्वे रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि मस्जिद के भीतर कुछ ऐसे स्थान पाए गए हैं जिनके साथ छेड़छाड़ की गई है, और यह इस बात की ओर इशारा करता है कि कभी यहाँ मंदिर था। हालांकि, इस रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश किया गया है और अब इसे लेकर विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है।