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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला यूपी राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल, कर्मचारियों की समस्याओं पर हुई अहम चर्चा

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए उम्मीद की नई किरण जगी है। आज, 18 मई को, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री आवास, 5 कालीदास मार्ग, लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की। महासंघ के अध्यक्ष संजय शुक्ला, कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश चौधरी और महामंत्री नंद किशोर सिंह के नेतृत्व में इस मुलाकात का उद्देश्य मुख्यमंत्री को नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करना और साथ ही विश्वविद्यालय कर्मचारियों की लंबित समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित करना था।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे प्रमुख पदाधिकारी

इस महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल में लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष राकेश यादव, आगरा विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी, कानपुर विश्वविद्यालय के महामंत्री अभिषेक त्रिवेदी, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महामंत्री रमेश चंद यादव, प्रवक्ता डॉ. संतोष कुमार यादव और विशिष्ट कार्यकारिणी सदस्य श्री निखिल शर्मा शामिल थे।

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कर्मचारियों की प्रमुख मांगें और मुख्यमंत्री का सकारात्मक रुख
वार्ता के दौरान, महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की कई प्रमुख समस्याओं को उठाया। इनमें मुख्य रूप से शामिल थीं:
* वर्ष 2012 से लंबित अवकाश नगदीकरण का मुद्दा।
* राज्य कर्मचारियों की भांति विश्वविद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करना।
* 31 दिसंबर 2001 से पूर्व विश्वविद्यालय में दैनिक वेतन, वर्कचार्ज एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का विनियमितीकरण।
* दैनिक वेतन व नियत वेतन में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान प्रदान करना।
* सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को एक समान वेतन भत्ता और प्रोन्नति का लाभ सुनिश्चित करना।
* प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित नए राज्य विश्वविद्यालयों में नियमित पदों का सृजन तथा उन पर नियमित नियुक्ति किए जाने की मांग।

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पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि कई विश्वविद्यालयों में वर्षों से नियत व दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों से ज्यादा वेतन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मिल रहा है, जिसे उन्होंने अन्यायपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महासंघ के पदाधिकारियों की बातों को गंभीरता से सुना। उन्होंने महासंघ के शपथ ग्रहण समारोह में आने का आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश में बहुत सारी ऐसी योजनाएं संचालित हैं जिनका लाभ विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से आश्वासन दिया कि अवकाश नगदीकरण, विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सा योजना में सम्मिलित करने और नवनिर्मित राज्य विश्वविद्यालयों में नियमित पदों के सृजन तथा उन पर भर्ती की कार्यवाही करने के साथ ही विश्वविद्यालय में संविदा और दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए सरकार निर्णायक कदम उठाएगी।

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कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री और महासंघ के पदाधिकारियों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता संपन्न हुई, जिसमें कर्मचारियों की मांगों के प्रति मुख्यमंत्री का रुख अत्यंत सकारात्मक रहा।

महासंघ ने जताया मुख्यमंत्री के प्रति आभार

मुख्यमंत्री से हुई भेंट और वार्ता के बाद, महासंघ के अध्यक्ष संजय शुक्ला और कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश चौधरी ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री की कर्मचारियों को लेकर सकारात्मक सोच है, इसका लाभ कर्मचारियों को अवश्य मिलेगा और विश्वविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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