फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा ने क्यों नही किया कोई बदलाब

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फैजान खान

अन्य राजनैतिक पार्टीयो के उम्मीदवार तलाश पाएंगे अपनी जमीन

जीत के सपने देख बैठे अन्य राजनैतिक दल,अभी नही उतार पाए कोई उम्मीदवार

आगरा की दोनो लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। जिसमे दोनो सीटो पर कोई बदलवा नही किया गया है। भाजपा विधायक पुत्र फतेहपुर सीकरी सीट के उम्मीदवार राजकुमार चाहर पर निशाना साधने में कोई कसर कमी नही छोड़ रहे है, लगातार उनकी कमियां लोगो को गिना रहे है । विधायक पुत्र इस सीट पर खुद को उम्मीदवार समझ रहे थे। पार्टी के फैसले को स्वीकार करने से साफ इंकार कर रहे है और पार्टी को दोबारा विचार करने की बात कर रहे है। विरोध में उतर आए है,जगह जगह पंचायत भी शुरू कर दी, और खुद निर्दलीय चुनाव लडने की बात भी कर रहे है। यानी भाजपा की भाजपा से ही टक्कर चल रही हे।

राजकुमार चाहर को क्यों एक बार फिर से बनाया उम्मीदवार

2019 के लोकसभा चुनावों में फतेहपुर सीकरी सीट से भाजपा से राजकुमार कुमार चाहर की फाइट कोंग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर से मानी जा रही थी जो की राज बब्बर एक प्रभावशाली नेता माने जाते है क्योंकि वह एक अभिनेता भी है और आगरा से उनका पुराना और गहरा नाता भी रहा है साथ ही कद्दावर नेता गुड्डू पंडित भी उनसे मुकाबले के लिए मैदान में उतरे थे लेकिन ज्यादा कुछ खास वह भी नही कर पाए थे।

उस लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ इस प्रकार थे की राज बब्बर दूर दूर तक नजर नही आए,तो वही सालो से उस सीट के लिए जेद्दो जहद कर रहे राजकुमार चाहर ने भारी मतों से जीत हासिल की जो की उनके लिए एक बड़ी अपलब्धि भी थी, इसकी वजह जमीन से जुड़े रहना और पूर्व मे विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके है,हालाकि उन्हे तब जीत हासिल नही हुई थी लेकिन वोट समेटने में पीछे भी नही रहे थे।

उनका संघर्ष उनके अनुभव के तौर पर 2019 के लोकसभा चुनावो में काम आया और भाजपा को भारी मतों से विजय एक सांसद मिला। संसद रहते हुए भी वह किसान मोर्चा के राष्टीय अध्यक्ष भी बनाया गया था। कहा जा रहा हे की इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन में किसानों का साधने का तोहफा उन्हे टिकेट के रूप में भाजपा ने दिया है।

आखिर फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर क्या है जाती समीकरण

फतेहपुर सीकरी की लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीट आती है जिसमे आगरा ग्रामीण,फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहबाद, बाह, इन 5 विधान सभा सीटों पर सभी जाति का वोट है लेकिन जो सबसे अधिक और प्रभावशाली वोट बैंक माना जाता है।

इस लोकसभा क्षेत्र में क्षत्रियों की संख्या करीब 3 लाख है। ब्राह्मण ढाई लाख से ज्यादा हैं। जाट और लोधियों की भी संख्या लाखों में है। जाटव, कुशवाहा और मुस्लिम वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है। सीट सामान्य है। ऐसे में कांग्रेस के पदाधिकारियों में उम्मीद जगी है कि वह इस सीट पर कुछ अच्छा कर सकते हैं। राजकुमार चाहर पिछले कई वर्षो से इस सीट पर जनता से जुड़े है, जिस तरह से उनको टिकट मिलने पर जगह जगह स्वागत किया गया जैसे उन्हे टिकट नही वह चुनाव जीत कर आए हो।

अन्य राजनैतिक दल नही उतार पाई है कोई उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से लगातार अपने उम्मीदवार की सूची जारी कर रही हे तो उधर अन्य दलों का अपने उम्मीदवार देर से उतारना। यह भी एक विचार का विषय है जिसका घमियाजा चुनाव लडने वाले उम्मीदवार को उठाना पड़ता है जाहिर है की समय की कमी के चलते वह जानता से पूरी तरह से मिल जुल नही पता है जिससे वह पार्टी का प्रचार प्रसार करने में बोहोत हद तक पूरा भी नही कर पाते है और जनता तक अपनी पूरी बात नही पहुंचा पाता है जिसका घमियाजा भी पार्टी और उम्मीदवार को उठाना पड़ता है।

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फैजान खान- संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार ।
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