केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के DA एरियर का इंतजार: क्या 5 साल बाद खत्म होगा गतिरोध?

Faizan Khan
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केंद्रीय कर्मचारियों को 18 महीने के DA एरियर का इंतजार: क्या 5 साल बाद खत्म होगा गतिरोध?

नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा, यानी मार्च 2020 से जून 2021 तक के 18 महीने के महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) एरियर का भुगतान, एक बार फिर ज़ोर पकड़ रहा है। पिछले पांच साल से लंबित यह मुद्दा अब कर्मचारी संगठनों द्वारा फिर से उठाया जा रहा है, जिससे सरकार पर निर्णय लेने का दबाव बढ़ गया है।

लॉकडाउन के दौरान लगी थी DA बढ़ोतरी पर रोक

साल 2020 में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार ने वित्तीय दबाव का हवाला देते हुए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की बढ़ोतरी पर रोक लगा दी थी। यह रोक मार्च 2020 से जून 2021 तक प्रभावी रही। उस समय सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि इस अवधि का बकाया (एरियर) भुगतान बाद में नहीं किया जाएगा।

हालांकि, कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का लगातार विरोध किया है, उनका तर्क है कि महामारी के दौरान भी सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहे। डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी और प्रशासनिक कर्मचारी सहित सभी ने अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा की। ऐसे में, जब उन्होंने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी, तो सरकार ने उनका भत्ता क्यों रोका?

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63वीं JCM बैठक में फिर उठी आवाज़

हाल ही में दिल्ली में हुई 63वीं JCM (Joint Consultative Machinery) की बैठक में यह मुद्दा एक बार फिर प्रमुखता से उठा। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार के सामने DA एरियर का मामला मज़बूत तरीके से रखा। उनका कहना है कि यह केवल पैसे का मामला नहीं, बल्कि कर्मचारियों के सम्मान और अधिकार की बात है, और सरकार को इस पर ठोस निर्णय लेकर बकाया एरियर का भुगतान करना चाहिए।

सरकार का तर्क: बजट का दबाव

इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अभी तक लगातार यही जवाब मिलता रहा है कि कोरोना काल में पड़े आर्थिक दबाव से उबरने में समय लग रहा है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि यदि अभी 18 महीने का DA बकाया दिया गया, तो सरकार के बजट पर भारी असर पड़ेगा।

हालांकि, कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि अब जब सरकार की राजस्व और जीएसटी (GST) कलेक्शन बढ़ रहा है, तो यह कहना उचित नहीं है कि फंड की कमी है।

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आंदोलन की चेतावनी और 8वें वेतन आयोग की मांग

सरकारी कर्मचारी अब आंदोलन के मूड में दिख रहे हैं। कर्मचारी यूनियनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन, हड़ताल और रैलियों का सहारा ले सकते हैं। उनका कहना है कि वे शांतिपूर्वक अपनी मांगें उठा रहे हैं, लेकिन सरकार इसे नज़रअंदाज़ कर रही है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है।

इस बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग भी उठी। कर्मचारी चाहते हैं कि सरकार इसे लेकर भी जल्द निर्णय ले ताकि 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाली सिफारिशें समय पर आ सकें। साथ ही यह भी मांग रखी गई है कि यदि आयोग की सिफारिशें लागू करने में देरी होती है, तो उस देरी का भी एरियर मिलना चाहिए।

नई बीमा योजना, लेकिन…

सरकार की ओर से कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक नई बीमा योजना का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिसमें इलाज, दुर्घटना और अन्य आपात स्थितियों में सहायता देने का वादा किया गया है। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का कहना है कि नई योजनाएं अच्छी बात हैं, लेकिन पहले पुराना बकाया निपटाया जाना चाहिए। उनके अनुसार, पुराने मुद्दों के समाधान के बिना नई घोषणाएं केवल ध्यान भटकाने की कोशिश लगती हैं।

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आगे क्या?

फिलहाल, सरकार की ओर से DA एरियर के भुगतान की कोई स्पष्ट तिथि या योजना का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है, और यदि जनदबाव बढ़ता है, तो सरकार को कोई रास्ता निकालना ही पड़ेगा।

18 महीने का DA एरियर करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का अधिकार है, जो उन्हें महंगाई के इस दौर में कुछ राहत दे सकता है। सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द से जल्द इसका हल निकालना चाहिए। कर्मचारियों ने कोरोना काल में देश का साथ दिया, अब समय है कि सरकार भी उनका साथ दे।

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फैजान खान- संवाददाता दैनिक अग्र भारत समाचार । "मैं पिछले 5 वर्षों से राजनीति और समाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहा हूं। इस दौरान, मैंने कई सामाजिक मुद्दों,ओर समस्याओं पर लेख लिखे हैं और लिखता आ रहा हु।
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