आगरा। विश्व दूरसंचार दिवस 2025 के अवसर पर, द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) आगरा लोकल सेंटर, खंदारी ने बीएसएनएल तारघर परिसर, आगरा के कांफ्रेंस हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस गरिमामय आयोजन के मुख्य अतिथि श्याम सिंह, प्रधान महाप्रबंधक (ITS), बीएसएनएल आगरा रहे।
इस वर्ष विश्व दूरसंचार दिवस की थीम “डिजिटल परिवर्तन में लैंगिक समानता” रखी गई है। इस वैश्विक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज और अर्थव्यवस्थाओं को बदलने में इंटरनेट और अन्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (ICT) की क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह वैश्विक अवलोकन विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की परिवर्तनकारी शक्ति और डिजिटल विभाजन को पाटने के महत्व पर प्रकाश डालता है।
विश्व दूरसंचार दिवस की जड़ें 17 मई 1865 से जुड़ी हैं, जब पेरिस में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) की स्थापना हुई थी। 1969 से, यह दिन ITU की स्थापना और वैश्विक कनेक्टिविटी में इसके निरंतर योगदान को याद करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 2005 में, इंटरनेट और आईसीटी के बढ़ते महत्व को पहचानते हुए, सूचना समाज पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSIS) ने संयुक्त राष्ट्र से 17 मई को विश्व सूचना समाज दिवस घोषित करने का आग्रह किया। 2006 तक, दोनों आयोजनों को विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस (WTISD) में मिला दिया गया, जिससे दूरसंचार और डिजिटल परिवर्तन पर संयुक्त ध्यान मजबूत हुआ।
सबसे कम विकसित देशों (LDC) में, केवल 29% महिलाएँ इंटरनेट का उपयोग करती हैं। महिलाएँ पहुँच, सामर्थ्य, डिजिटल साक्षरता और तकनीकी क्षेत्रों में नेतृत्व में पिछड़ी हुई हैं। ये असमानताएँ न केवल महिलाओं की क्षमता को नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि आर्थिक विकास, नवाचार और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में भी बाधा डालती हैं। यह दिवस इन चुनौतियों को उजागर करने और समाधान खोजने का अवसर प्रदान करता है।
भारत में दूरसंचार का इतिहास लगभग 170 वर्षों तक फैला हुआ है। भारत में पहली बार लंबी दूरी का तार अंग्रेजों द्वारा 14 मार्च साल 1854 में आगरा से कोलकाता के बीच भेजा गया था। 1881 तक, औपचारिक टेलीफोन सेवाएँ शुरू हो चुकी थीं, और 1883 में, उन्हें भारत की डाक प्रणाली के साथ एकीकृत कर दिया गया था। भारत में दूरसंचार ने कई परिवर्तनकारी चरणों से गुज़रते हुए एक लंबा सफर तय किया है।
इस अवसर पर द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) आगरा लोकल सेंटर खंदारी के चैयरमेन इं. रजनीश यादव, सचिव डॉ. अनुराग कुलश्रेष्ठ, संगठन सचिव इं. भगवान दास रावत व सभी पदाधिकारी तथा बीएसएनएल आगरा के अधिकारीगण उपस्थित रहे। सभी ने इस महत्वपूर्ण दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।