आगरा: आज युवा अधिवक्ता संघ आगरा मंडल की बैठक दीवानी प्रांगण स्थित कार्यालय पर संपन्न हुई, जिसमें जिले के विभिन्न स्कूल संचालकों, पुस्तक विक्रेताओं और ड्रेस विक्रेताओं द्वारा अभिभावकों से मनमानी रकम वसूलने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई। इस बैठक में कानूनी कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि अभिभावकों को इन अनावश्यक खर्चों से बचाया जा सके।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडल अध्यक्ष युवा अधिवक्ता संघ, नितिन वर्मा ने कहा, “आज के समय में अभिभावकों के लिए अपने बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो गया है। स्कूलों और विक्रेताओं की मनमानी के कारण अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ गया है। स्कूलों द्वारा बिना किसी पूर्व जानकारी या सरकारी आदेश के फीस बढ़ाई जा रही है। इसके साथ ही पुस्तकें और स्कूल ड्रेस अत्यधिक महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, “अभी तक इन समस्याओं पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं। यदि अगले कुछ दिनों में अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो युवा अधिवक्ता संघ के सदस्य और पदाधिकारी सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय का सांकेतिक घेराव करेंगे और माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे।”
बाल शिक्षा अनिवार्य अधिनियम 2009 का उल्लंघन
नितिन वर्मा ने बैठक में बताया कि “बाल शिक्षा अनिवार्य अधिनियम 2009” के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि बच्चों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, लेकिन इस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। पुस्तक विक्रेताओं और स्कूलों द्वारा यह कानून तोड़ा जा रहा है और अभिभावकों को इस सब के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बैठक में उपाध्यक्ष कृष्ण मुरारी माहेश्वरी ने भी चिंता जताते हुए कहा, “स्कूल ड्रेस की कीमतें 2000 से लेकर 3500 तक जा रही हैं, जो कि अभिभावकों के लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ बन चुकी हैं। इन मुद्दों पर ध्यान दिए बिना स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली जा रही है, और अभिभावकों की किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है।”
बैठक में अन्य प्रमुख सदस्य और पदाधिकारी, जैसे उपाध्यक्ष कृष्ण मुरारी माहेश्वरी, नरेश त्यागी, वीरेंद्र पाल, राजा कुमार, एस पी सिंह, देव गौतम, अतुल कर्दम, मनीष अग्रवाल, जोली, धर्मेंद्र आर्य, राजेंद्र प्रसाद और प्रवेंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखे और एकजुट होकर प्रशासन से इन मुद्दों को शीघ्र हल करने की अपील की।