आगरा:महिला पंचायत सचिव ने मजदूर के खिलाफ दी तहरीर, दहशत में मजदूर ने दी जान, सचिव को ठहराया जिम्मेदार, वीडियो वायरल

Jagannath Prasad
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आगरा:महिला पंचायत सचिव ने मजदूर के खिलाफ दी तहरीर, दहशत में मजदूर ने दी जान, सचिव को ठहराया जिम्मेदार, वीडियो वायरल

अग्र भारत संवाददाता , पीतम शर्मा

प्रार्थना पत्र पर ही चौकी पुलिस मजदूर को बार-बार फोन कर क्यों बना रही थी दबाव?

सिकंदरा। थाना सिकंदरा के रुनकता चौकी क्षेत्र के गांव खड़वाई में शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों ने गांव निवासी पप्पू (पुत्र अली शेर) का शव घर के पास पेड़ से लटका देखा। सूचना पर पहुंची भीड़ के बीच परिजनों में कोहराम मच गया और घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई।

ग्रामीणों के अनुसार, गांव की महिला पंचायत सचिव ने हाल ही में मजदूर के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी थी। बताया जाता है कि उसी तहरीर से दहशत में आकर मजदूर मानसिक तनाव झेल रहा था। उसने गांव के कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कथित दलालों ने 30 से 40 हजार रुपये की मांग रखी। दबाव और बेबसी के बीच उसने बीती रात फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मृतक मजदूर अली शेर साइकिल से गांव-गांव रेडी-ठेली लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। उसके तीन छोटे बच्चे हैं।घटना से जुड़े उसके मोबाइल से एक वीडियो भी मिला है, जो अब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। करीब 2 मिनट 19 सेकेंड के इस वीडियो में मृतक बार-बार यह कहते हुए बोलता सुना जा रहा है कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है और मोबाइल या व्हाट्सऐप चलाना सही से नहीं जानता। गलती से वीडियो चला गया होगा, लेकिन उसने पंचायत सचिव को कोई अनावश्यक वीडियो नहीं भेजा। वीडियो में उसने पंचायत सचिव को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा – “पुलिस मुझे जेल भेज देगी, मुझे फंसाया जा रहा है,मेरे बच्चे सड़क पर आ जाएंगे। मुझे फंसाया गया है। गांव में लोगों से मदद मांगी तो पैसे मांगे जा रहे थे,मेरी मौत की जिम्मेदार सचिव होंगी। मैंने कभी उन्हें फोन नहीं किया। मैं नंबर एड करना भी नहीं जानता।”परिजनों का आरोप है कि मजदूर कई बार रुनकता चौकी पुलिस से अपनी सफाई देता रहा, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टे चौकी पुलिस उसे बार-बार फोन कर चौकी बुला रही थी। इसी से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया। परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।         पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल :इस मामले में रुनकता चौकी पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रार्थना पत्र सोशल मीडिया से संबंधित था, जिसकी जांच आवश्यक थी, लेकिन बिना जांच किए ही पुलिस मजदूर पर दबाव बना रही थी। आखिर क्यों बार-बार फोन कर उसे परेशान किया गया? ग्रामीणों ने इस पूरे प्रकरण में संबंधित पुलिसकर्मी की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

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