मथुरा। जिले में डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) खाद की मची मारामारी के बीच ओवर रेटिंग की शिकायतों के बाद कृषि विभाग ने सख्त कदम उठाया है। अधिकारियों ने विकास खंड राया के ग्राम अनौडा में दो खाद दुकानों पर आकस्मिक छापेमारी की। इन दुकानों पर खाद की अधिक दरों पर बिक्री की जा रही थी, जिससे किसानों को भारी परेशानी हो रही थी।
ओवर रेटिंग की पुष्टि और गड़बड़ी के आरोप
ग्राम अनौडा स्थित मैसर्स अग्रवाल ट्रेडर्स और सप्लायर्स विपिन खाद भंडार पर छापेमारी के दौरान विभागीय अधिकारियों ने खाद के स्टॉक और बिक्री के रिकॉर्ड की जांच की। जांच में खाद की अधिक दरों पर बिक्री की पुष्टि हुई, साथ ही दोनों दुकानों के स्टॉक में भी गड़बड़ी पाई गई। दोनों दुकानों पर खाद के भौतिक स्टॉक और रिकॉर्ड में अंतर पाया गया, जिसके चलते उर्वरक प्रतिष्ठानों के लाइसेंस स्थगित कर दिए गए।
अधिकारियों ने बताया कि खाद की स्टॉक और बिक्री में गड़बड़ी के कारण फर्म के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 की धारा 3, 7 और उर्वरक आदेश 1985 के तहत कार्रवाई की गई। उर्वरक स्टॉक को सील कर दिया गया है और आगामी आदेशों तक इन दुकानों से बीज स्टॉक की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कृषि विभाग का सख्त संदेश
जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार सिंह ने कहा, “ओवर रेटिंग और खाद की गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की गई है। खाद दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और स्टॉक में अनियमितताएं पाई गई हैं। इससे पहले भी तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। किसी भी कीमत पर ओवर रेटिंग और ब्लैक मार्केटिंग जैसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी अन्य स्थान पर ऐसी गतिविधियां होती हैं, तो किसान तुरंत शिकायत दर्ज कराएं, हम त्वरित कार्रवाई करेंगे।”
किसानों को मिलेगा राहत
कृषि विभाग की यह कार्रवाई किसानों के हित में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि डीएपी खाद की आवश्यकता इस समय बहुत ज्यादा है और इसके उचित मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। विभाग ने सभी खाद दुकानदारों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और किसानों को सही कीमत पर उर्वरक मुहैया कराएं।