घिरोर, मैनपुरी। मैनपुरी के करहल विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी तेजप्रताप सिंह यादव के समर्थन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कोसमा चौराहे पर एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इस जनसभा में अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं पर जमकर हमला बोला।
अखिलेश यादव ने कहा, “यह चुनाव सिर्फ करहल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की भविष्यवाणी करेगा। सपा की जीत से यह साबित होगा कि उत्तर प्रदेश में 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी।” उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने पहले ही मान लिया है कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं जीतने जा रही है। समाजवादी पार्टी सभी सीटों पर विजय प्राप्त करेगी और सबसे बड़ी जीत करहल में होगी।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि इस उपचुनाव की तारीख केवल इस कारण बढ़ाई गई थी ताकि दिवाली पर बाहर काम करने वाले लोग अपने घर आ सकें और वोट डाल सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल इस कारण चुनाव तारीखों को बदलने की साजिश कर रही थी। साथ ही अखिलेश ने यह दावा किया कि करहल में होने वाली सपा की जीत का संदेश पूरे राज्य में जाएगा और भाजपा को 2027 के चुनावों में हार का सामना करना पड़ेगा।
महाराष्ट्र के परिणाम से उत्तर प्रदेश में बदलाव की उम्मीद
अखिलेश यादव ने कहा, “महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम के बाद उत्तर प्रदेश में भी बदलाव होगा। प्रदेश की जनता का मन बदल चुका है और प्रशासन भी यह जान चुका है कि करहल से सपा की जीत तय है।”
केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना
इस जनसभा में अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हमने सुना था कि लखनऊ के बहुत बड़े मंत्री यहां आने वाले थे, लेकिन जैसे ही उन्हें यह पता चला कि इस जनसभा में भीड़ नहीं जुटेगी, वह अपने कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।” यह बयान भाजपा के भीतर की स्थिति को लेकर अखिलेश यादव ने दिया, जो विपक्षी दलों की ताकत को नजरअंदाज कर रहे हैं।
जनता का उत्साह और सपा कार्यकर्ताओं का जोश
अखिलेश यादव ने इस दौरान यह भी कहा कि करहल की जनता और सपा कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार हैं और इस बार चुनाव में सपा की ऐतिहासिक जीत होगी। उन्होंने कहा कि सपा की कार्यशैली और पार्टी की नीतियों को देखकर जनता अब बदलाव की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सपा की जीत के लिए जुट जाने का आह्वान किया और कहा कि यह चुनाव उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बदलाव की दिशा तय करेगा।