झाँसी: ऑल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के आह्वान पर आज झाँसी में सैकड़ों की संख्या में लोको पायलटों ने रेल प्रशासन के कथित उत्पीड़न के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। AILRSA के संरक्षक आर. के. दुबे के नेतृत्व में विद्युत लोको शेड पर एकत्रित हुए रनिंग स्टाफ ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को उठाया और सो रहे रेल प्रशासन को जगाने का प्रयास किया। भीषण गर्मी में 55 से 60 डिग्री तापमान में यात्रियों और माल को सुरक्षित रूप से पहुंचाने वाले लोको पायलटों ने अपनी महत्वपूर्ण मांगों पर ध्यान आकर्षित कराया।
मुख्य मांगें
प्रदर्शनकारी लोको पायलटों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखीं:
- सभी लोकोमोटिव वातानुकूलित किए जाएं: तपती गर्मी में काम करने वाले लोको पायलटों के लिए आरामदायक और सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने हेतु सभी इंजनों को एयर कंडीशनिंग से लैस किया जाए।
- सभी लोकोमोटिव में फॉग डिवाइस फिट किए जाएं: कोहरे के मौसम में रेल संचालन को सुरक्षित और निर्बाध बनाने के लिए सभी इंजनों में आधुनिक फॉग डिवाइस लगाए जाएं।
- सभी लोकोमोटिव एवं मेमू कैब क्रू फ्रेंडली बनाए जाएं: लोको पायलटों की सुविधा और दक्षता बढ़ाने के लिए सभी इंजन और मेमू कैब को क्रू फ्रेंडली डिजाइन किया जाए।
दबाव में रेल प्रशासन, दो मांगें स्वीकार
AILRSA के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन और लोको पायलटों व उनके परिवारों के दबाव के आगे झुकते हुए रेल प्रशासन ने तत्काल दो महत्वपूर्ण मांगों को स्वीकार कर लिया है। इनमें शामिल हैं:
- सभी लोकोमोटिव में टूल किट फिट किए जाएंगे।
- सभी लोकोमोटिव में टॉयलेट की व्यवस्था की जाएगी।
अयोग्य Sr. DEE (OP) झाँसी के उत्पीड़न पर फूटा गुस्सा
इस अवसर पर AILRSA के संरक्षक आर. के. दुबे ने स्पष्ट रूप से कहा कि झाँसी के अयोग्य Sr. DEE (OP) का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस मामले को संसद में भी उठाया जाएगा ताकि दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके।
प्रदर्शन में वेद प्रकाश नामदेव, महेश कुशवाहा, मुहम्मद अनवर, रामजी द्विवेदी, विनोद कुमार, ब्रजभान सिंह, जे.पी. पटैरिया, अनवार अहमद खान, रहीश अहमद, महेन्द्र पांचाल, प्रेम कुमार वर्मा, के.के. राठौर, प्रदीप कुशवाहा, एच.आर. मंसूरी, नेत्रपाल, अनूप प्रजापति, रहमत अली, शहजाद खान, मुहम्मद असलम सहित सैकड़ों रनिंग स्टाफ उपस्थित रहा, जिन्होंने एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए आवाज बुलंद की।
यह प्रदर्शन रेल प्रशासन के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि लोको पायलट अब अपने अधिकारों के लिए चुप नहीं बैठेंगे और अपने सुरक्षित एवं सम्मानजनक कार्य परिस्थितियों के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। देखना यह होगा कि रेल प्रशासन लोको पायलटों की अन्य महत्वपूर्ण मांगों पर कब और क्या कार्रवाई करता है।