आगरा (फतेहाबाद) : थाना फतेहाबाद क्षेत्र में बुधवार की रात हुई हत्या के मामले में गुरुवार शाम शव आने की सूचना पर ग्रामीणों ने आगरा फतेहाबाद मार्ग पर जाम लगा दिया। पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाने के बाद करीब एक घंटे बाद जाम खुलवाया गया।
घटना का विवरण
गुरुवार को शव विच्छेदन गृह से शव आने की सूचना पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग आगरा फतेहाबाद मार्ग पर प्रतापपुरा मोड़ पर जमा हो गए और जाम लगा दिया। उनकी मुख्य मांग यह थी कि जब तक मृतक के हत्यारे गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक जाम नहीं खोला जाएगा। इस दौरान इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ था।
मृतक युवक मोनू शर्मा (पुत्र रामसेवक) ने बुधवार की रात करीब 8:15 बजे आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर स्थित कैंटीन में दूध देने के बाद घर लौटते वक्त बदमाशों की गोलियों का शिकार हो गया। वह जैसे ही नलकूप के पास पहुंचा, अज्ञात हमलावरों ने उसे गोलियों से भून दिया। गोली लगने के बाद वह बाइक से भागने की कोशिश करता है, लेकिन दूसरे हमलावरों ने उसे फिर से गोली मारी, जिससे वह खेत में गिरकर तड़पते हुए मृत हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
जाम और पुलिस कार्रवाई
ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता गया, और उन्होंने आगरा फतेहाबाद मार्ग पर प्रतापपुरा मोड़ पर जाम लगा दिया। उनकी मांग थी कि हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। इस दौरान फतेहाबाद के एसीपी अमरदीप लाल और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। बाद में एसडीएम अनिल कुमार सिंह और अन्य अधिकारियों ने भी ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि हत्यारे जल्दी पकड़े जाएंगे, तब जाकर एक घंटे बाद जाम खुलवाया जा सका।
पुलिस जांच जारी
इस हत्या के मामले की जांच के लिए पुलिस ने छह टीमों का गठन किया है। पुलिस आयुक्त की सर्विलांस टीम, एसओजी और डीसीपी पूर्वी के नेतृत्व में थाना फतेहाबाद पुलिस की टीम घटना की जांच में जुटी है। पुलिस को इस मामले में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, और जांच के दौरान मोबाइल टावरों के आंकड़े भी खंगाले जा रहे हैं। इसके अलावा, फॉरेंसिक टीम और बीटीएस टीम ने रातभर घटनास्थल से सबूत इकट्ठा किए हैं।
परिवार में कोहराम
मोनू शर्मा की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया है। मृतक की पत्नी अनुराधा और मां मीरा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के अन्य सदस्य भी इस अनहोनी घटना से गहरे सदमे में हैं। मृतक के दो मासूम बच्चे राघव और मयंक भी यह समझने में असमर्थ हैं कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। गांव में इस दुखद घटना से हर कोई शोकित है और मोनू के सरल स्वभाव को याद कर रहा है।