शहीदों के लिए घोषणाएं कागजों में सिमटी, पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने जताया आक्रोश

Jagannath Prasad
3 Min Read

शहीदों के समाधि स्थल के निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी बने उदासीन

आगरा। शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले……………… बचपन से हम इन पंक्तियों को सुनते आए हैं। इस मातृभूमि की खातिर जिन वीर सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, उन शहीदों के समाधि स्थल पर जाकर युवाओं को प्रेरणा मिलती है।

आपको बता दें कि ब्लॉक खेरागढ़ क्षेत्र अंतर्गत अनेकों वीर सपूतों ने मातृभूमि की खातिर बलिदान दिया है। उन शहीदों के बलिदान के बाद मौके पर बड़े बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि आए, घोषणाएं भी हुई। आज तक इन घोषणाओं पर अमल नहीं हो सका।

बताया जाता है कि गांव रिठौरी के जयपाल सिंह पुत्र महेंद्र सिंह, 7 जून 2021 को ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान सिक्किम में और दिगरौता के सत्यप्रकाश पुत्र शेर सिंह, 10 नवंबर 2023 को अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे। गगमीन माहौल में जब दोनों शहीदों के पैतृक गांवों में इनका अंतिम संस्कार हुआ था, हर आंख नम थी। प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने घोषणाएं की थी।

समय गुजरने के साथ ये घोषणाएं सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गई। स्थिति यह है कि दोनों शहीदों के अंत्येष्टि स्थल पर धूल उड़ रही है। आवारा जानवरों द्वारा चिताओं की बेकदरी की जा रही है। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता से परिजन से लेकर ग्रामीण बुरी तरह आहत हैं।

अंतिम संस्कार में आने के बाद आज तक किसी ने शहीदों के परिवारों में जाकर उनका हालचाल तक नहीं जाना। उनके अंत्येष्टि स्थल पर बाउंड्रीवाल से लेकर सौंदर्यीकरण कार्य कराने की जरूरत नहीं समझी गई।

पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

इस मामले में मुखर हुई पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने एसडीएम खेरागढ़ को ज्ञापन सौंपा है। समिति ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि शहीदों के प्रतिमा स्थल पर तत्काल प्रभाव से सौंदर्यीकरण कार्य शुरू कराया जाए। शहीदों के अंत्येष्टि स्थलों की दुर्दशा को देखकर हर किसी की भावनाएं आहत हो रही हैं। अगर शीघ्र ही कार्य शुरू नहीं हुआ तो समिति निर्णायक कदम उठाएगी।

इस दौरान समिति के तहसील अध्यक्ष दिलीप सिंह, संगठन मंत्री भोज कुमार, जिला उपाध्यक्ष महताप सिंह, कैप्टन लाखन सिंह, प्रमोद चाहर, सूबेदार महावीर सिंह, हवलदार नारायण सिंह, भगवानदास, लक्ष्मण सिंह आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।

एसी कमरों में बैठने वाले अधिकारियों की मानसिकता शहीदों के प्रति उदासीनता का परिचायक है। शहीदों के अंत्येष्टि स्थल दुर्दशा का शिकार हैं। उनकी प्रतिमा बनना तो दूर की कौड़ी है, उनकी बाउंड्रीवाल और सौंदर्यीकरण भी नहीं कराया जा रहा। समिति इस मामले में चुप नहीं बैठेगी।
महेश चाहर-जिलाध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघर्ष समिति

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *