अयोध्या: राम जन्मभूमि अयोध्या में एक और भव्य मंदिर के निर्माण की योजना बन रही है, जो श्रद्धालुओं में श्रीराम के प्रति गहरे वात्सल्य भाव को और बढ़ावा देगा। अयोध्या में स्थित राम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला की खड़ी मुद्रा में प्रतिष्ठा के बाद अब रामभद्राचार्य द्वारा एक और मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू किया जा रहा है, जिसमें भगवान श्रीराम को माता कौशल्या की गोद में बाल रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा।
यह नया मंदिर अयोध्या में राम जन्म की महत्ता को और भी सुदृढ़ करेगा, और इसे विशेष रूप से माता कौशल्या की गोद में बालक राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा से जोड़ा जाएगा। इस मूर्ति की स्थापना का मुख्य उद्देश्य भक्तों में वात्सल्य और भक्ति के भाव को गहरा करना है।
मंदिर का निर्माण कार्य – भूमि खरीदी और योजना
इस परियोजना के तहत प्रसिद्ध संत और चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने अयोध्या के जानकीघाट परिक्षेत्र में ढाई बीघा भूमि खरीदी है। इस भूमि पर यह मंदिर निर्माण किया जाएगा, जो रामलला के बाल रूप का एक नया प्रतीक बनेगा। मंदिर का निर्माण कार्य पूरी योजना के तहत किया जा रहा है, ताकि यह श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव दे सके।
रामनवमी पर मंदिर का शिलान्यास
सूत्रों के अनुसार, मंदिर का शिलान्यास 6 अप्रैल, 2025 को राम नवमी के पावन अवसर पर किया जाएगा। इस शुभ अवसर पर अयोध्या में संत समाज और श्रद्धालुओं का विशाल समागम होने की संभावना जताई जा रही है। शिलान्यास समारोह के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे यह क्षण और भी ऐतिहासिक बन जाएगा।
रामलला के प्रति वात्सल्य भाव का प्रतीक बनेगा यह मंदिर
नए मंदिर का सबसे विशेष पहलू यह होगा कि इसमें भगवान श्रीराम को माता कौशल्या की गोद में बाल रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा। यह मूर्ति भक्तों को श्रीराम के बचपन के रूप में उनकी मासूमियत और प्रेम का अहसास कराएगी। माता कौशल्या के साथ इस दृश्य का दर्शन भक्तों में एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव उत्पन्न करेगा और यह वात्सल्य भाव के प्रतीक के रूप में स्थापित होगा।
अयोध्या का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
अयोध्या, जो श्रीराम के जन्मस्थान के रूप में पहचानी जाती है, अब एक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में उभरने जा रही है। नए मंदिर के निर्माण से अयोध्या के धार्मिक महत्व में वृद्धि होगी और यह श्रद्धालुओं के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बनेगा। रामलला के प्रति भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को और गहरा करने के साथ-साथ यह मंदिर अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर में भी एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ेगा।