आगरा, इतिमादुद्दौला। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक बार फिर सोशल मीडिया पर हरियाली, सफाई और सहायता की तस्वीरें छा गईं। लोगों ने बढ़-चढ़कर पेड़ लगाने, सफाई करने और पर्यावरण संरक्षण की बातें साझा कीं। लेकिन, आगरा के ‘ट्री मैन’ के नाम से मशहूर पर्यावरण संरक्षक त्रिमोहन मिश्रा ने इस “डिजिटल हरियाली” पर चिंता जताई है।
सुबह 07:30 बजे से 10:30 बजे तक इतिमादुद्दौला में आयोजित एक कार्यक्रम में मिश्रा जी ने साफ शब्दों में कहा, “लोगों ने पेड़ सोशल मीडिया पर लगाए हैं, ज़मीन पर नहीं।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि गमलों में पेड़ केवल आपात स्थिति में लगाए जाने चाहिए, क्योंकि असली बदलाव तभी आएगा जब पेड़ धरती में जड़ पकड़ें और बड़े हों।
त्रिमोहन मिश्रा ने कहा कि सिर्फ फोटो खिंचवाकर और उन्हें इंटरनेट पर पोस्ट करने से पर्यावरण नहीं बचेगा। उन्होंने समाज से वास्तविक रूप से पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना है कि यदि हर व्यक्ति किसी भी अवसर पर या किसी के नाम से भी पेड़ या बीज ज़मीन पर लगाए और उसकी ज़िम्मेदारी ले, तो हम जलवायु संकट से निपटने में एक बड़ा योगदान दे सकते हैं।
मिश्रा जी ने युवाओं से विशेष अपील की कि वे “डिजिटल ग्रीनरी” (सोशल मीडिया पर हरियाली) के बजाय वास्तविक हरियाली को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाना सिर्फ एक दिन का अभियान नहीं, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए। उनके अनुसार, हमें हर दिन पर्यावरण दिवस मनाना चाहिए और जानवरों, पशुओं व पक्षियों के लिए दाना-पानी का इंतजाम करना चाहिए। “इनका सोशल मीडिया अकाउंट नहीं होता, अगर होता तो ये सच्चाई ही दिखाते। मैं इनकी भाषा को अच्छे से समझता हूँ। ये सबसे बड़े प्रकृति प्रेमी हैं, ये आपको और आपके परिवार के साथ आपकी पीढ़ी को भी सुरक्षित करते हैं।”
आज की कार्यकर्ता टीम में ट्री मैन त्रिमोहन मिश्रा के साथ एडवोकेट मयंक कुशवाह, एल. पी. प्रजापति, गणेश शर्मा, और अन्य प्रकृति प्रेमी शामिल रहे।