जागरूक अभियानों का पैसा, सीख, अभियान तीनों बर्बाद!, “ट्री मैन ऑफ आगरा” का प्रार्थना पत्र

Gaurangini Chaudhary
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जागरूक अभियानों का पैसा, सीख, अभियान तीनों बर्बाद!, "ट्री मैन ऑफ आगरा" का प्रार्थना पत्र

आगरा: समाज में जागरूकता लाने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के अभियानों का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन “ट्री मैन ऑफ आगरा” के नाम से प्रसिद्ध त्रिमोहन मिश्रा का कहना है कि इन अभियानों में खर्च हो रहे पैसों का कोई लाभ नहीं मिल रहा। उनका मानना है कि जागरूकता अभियानों का उद्देश्य महज एक मनोरंजन बन कर रह गया है, जिससे समाज में कोई वास्तविक सुधार नहीं हो रहा है।

त्रिमोहन मिश्रा ने भारत सरकार को एक प्रार्थना पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने इन अभियानों की विफलता पर चिंता जताई है। उनके अनुसार, लोग इन अभियानों को महज सेल्फी, वीडियो और समय का उपहार मानते हैं, और बाद में इनका कोई प्रभाव नहीं दिखता। साथ ही, उन्होंने सरकारी जुर्माना राशि को बढ़ाने की अपील की है ताकि लोग अधिक सख्ती से नियमों का पालन करें।

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प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान और सरकारी प्रोजेक्ट्स की हानि

त्रिमोहन मिश्रा का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों के नुकसान और वातावरण में हो रहे बदलाव की स्थिति में किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचाना समाज के लिए एक गंभीर संकट है। वह मानते हैं कि जब तक लोग इन अभियानों को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक इन अभियानों का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता।

सोशल मीडिया का गलत प्रभाव

आजकल सोशल मीडिया पर रील्स और वीडियो का चलन बढ़ गया है, और ये अक्सर समाज में अश्लीलता और नकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। त्रिमोहन मिश्रा ने सुझाव दिया है कि इसके लिए कड़े कानून और जुर्माने की राशि में वृद्धि की जानी चाहिए ताकि समाज में सही संदेश जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जुर्माने की राशि इतनी कम है कि लोग इससे कोई डर महसूस नहीं करते और नियमों का पालन नहीं करते।

जुर्माना राशि में वृद्धि की आवश्यकता

मिश्रा ने भारत सरकार से आग्रह किया कि जुर्माने की राशि को बढ़ाया जाए। उनका कहना है कि जुर्माना राशि बढ़ाने से लोग पहले से अधिक सचेत होंगे और नियमों का पालन करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि जुर्माना राशि के माध्यम से एकत्र की गई रकम से समाज के सुधार में निवेश किया जाए।

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समाज सुधार और कड़े कानून

उनका मानना है कि समाज सुधार के लिए कड़े कानूनों की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि “गलती करोगे तो भरोगे” जैसे अभियानों को सोशल मीडिया रील्स के माध्यम से बढ़ावा दिया जाए, ताकि समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी का अहसास हो सके। इसके अलावा, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन, सार्वजनिक स्थानों पर अश्लीलता और सरकारी प्रोजेक्ट्स को नुकसान पहुंचाने के मामलों में सख्त कानून लागू किए जाएं।

कैमरा निगरानी और ड्रोन की उपयोगिता

त्रिमोहन मिश्रा ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकारी विभागों में निगरानी व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को ड्रोन और कैमरों के माध्यम से निगरानी करनी चाहिए, जिससे वे वास्तविक समय में स्थिति पर नज़र रख सकें और किसी भी अपराध या नियम उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई कर सकें। इस प्रकार, भ्रष्टाचार और काले धन को रोका जा सकता है।

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अधिकारियों की जिम्मेदारी

उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को पॉकेट कैमरे से निगरानी करनी चाहिए ताकि किसी भी दुर्व्यवहार या काले धन के आरोपों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की निगरानी से अधिकारियों के कार्यों का रिकॉर्ड रखा जा सकता है और जनता को सही सेवाएं मिल सकती हैं।

समाज सुधार के लिए जागरूकता

उनका यह भी मानना है कि समाज में सुधार लाने के लिए जागरूकता अभियानों को ज्यादा प्रभावी बनाया जाना चाहिए। इसके लिए सरकारी और सामाजिक संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा ताकि हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार बने। साथ ही, लोगों को यह समझाना होगा कि गलत काम करने पर उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा, और जुर्माना राशि को बढ़ाने से लोग अधिक जिम्मेदारी से काम करेंगे।

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