Advertisement

Advertisements

आगरा में ‘शस्त्र लाइसेंस घोटाला’ उजागर! फर्जी दस्तावेजों से बने असलहे, STF जांच में 5 प्रभावशाली नाम; असलाह बाबू संजय कपूर नामजद

Jagannath Prasad
5 Min Read
आगरा में 'शस्त्र लाइसेंस घोटाला' उजागर! फर्जी दस्तावेजों से बने असलहे, STF जांच में 5 प्रभावशाली नाम; असलाह बाबू संजय कपूर नामजद

आगरा, उत्तर प्रदेश: ताजनगरी आगरा में फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारियों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने का एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। महीनों की गहन जांच के बाद उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस गड़बड़झाले की परतों को खोला है, जिसमें प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत और प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों का पर्दाफाश हुआ है। जांच पूरी होने के बाद, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के आदेश पर थाना नाई की मंडी में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

एसटीएफ की लंबी छानबीन, असलाह बाबू सहित 6 नामजद

एसटीएफ जांच अधिकारी इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा की कई महीने लंबी छानबीन के बाद, अब तक पाँच प्रमुख व्यक्तियों के साथ-साथ तत्कालीन असलाह बाबू संजय कपूर को भी इस घोटाले में नामजद किया गया है। यह जांच जन्म प्रमाण पत्रों, शपथ पत्रों, गुमशुदगी रिपोर्टों और हथियार क्रय-विक्रय के कागजातों सहित कई स्तरों पर की गई है, जिसमें हर आरोपी के दस्तावेजी ‘झोल’ की स्पष्ट जानकारी सामने आई है।

See also  बेलनगंज: जहाँ इतिहास साँस लेता है, व्यापार फलता-फूलता है

जांच में सामने आए आरोपी और उनके फर्जीवाड़े का ब्यौरा

  1. भूपेंद्र सारस्वत: आरोप है कि इन्होंने 21 वर्ष से कम उम्र होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस हासिल कर लिया। वर्ष 2016-17 में लाइसेंस खोने की सूचना दी, लेकिन कोई गुमशुदगी रिपोर्ट या अन्य वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। चौंकाने वाली बात यह है कि लाइसेंस की छायाप्रति तक उपलब्ध नहीं है।

  2. मोहम्मद जैद: इन्होंने वर्ष 2003 में शस्त्र लाइसेंस बनवाया। शपथपत्र में अपनी जन्म तिथि 1975 दर्शाई, जबकि अन्य प्रमाण पत्रों में 1972 दर्ज है। यह भ्रामक जानकारी शपथपत्र के दुरुपयोग की पुष्टि करती है।

  3. अरशद खान: खुद को ‘नेशनल शूटर’ बताकर एक के बाद एक पाँच शस्त्र लाइसेंस बनवा लिए। दस्तावेजों में उम्र कम बताई गई ताकि कुशल निशानेबाज मानते हुए लाइसेंस में छूट मिल सके। जांच में पाया गया कि इन्होंने किसी भी शस्त्र की खरीद से संबंधित वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए।

  4. राजेश कुमार बघेल: इनकी शस्त्र लाइसेंस फाइल ही उपलब्ध नहीं है, जिस पर शस्त्र क्रम दर्ज कराया गया था। हथियार की खरीद से संबंधित कोई भी कागज इनके पास नहीं पाया गया। जांच में इनके संपर्क में शोभित चतुर्वेदी का नाम सामने आया।

  5. शोभित चतुर्वेदी: इन्हें पहले से उत्तराखंड के टिहरी से शस्त्र लाइसेंस प्राप्त था, लेकिन आगरा में दूसरा लाइसेंस बनवाते वक्त इन्होंने इस जानकारी को छिपाया। शपथपत्र में जन्म स्थान लखनऊ की जगह आगरा बताया। सबसे गंभीर आरोप यह है कि इन्होंने बिना वैध प्रपत्र के शिव कुमार सारस्वत से पिस्टल खरीदी। जांच अधिकारी को भी कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखाए।

See also  आगरा में गांजे का जखीरा बरामद, तस्कर गिरफ्तार

तत्कालीन असलाह बाबू संजय कपूर की भूमिका संदिग्ध

इस पूरे घोटाले में तत्कालीन असलाह बाबू संजय कपूर की भूमिका सबसे गंभीर मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि यह सभी फर्जी लाइसेंस संजय कपूर के कार्यकाल में ही बने थे। संजय कपूर को पहले भी तीन बार असलाह बाबू की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वह दो बार निलंबन भी झेल चुके हैं। घोटाले की भनक लगते ही उन्होंने 2024 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली थी, लेकिन एसटीएफ की जांच के दायरे में आ ही गए। जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जांच पूरी होने के बाद उनके पेंशन और अन्य लाभ रोके जाने की भी संभावना है।

See also  रूनकता चौकी प्रभारी विजय चंदेल को मिला थाना कोतवाली आगरा कार्यभार

एसटीएफ की निष्पक्ष जांच

पुलिस एसटीएफ मुख्यालय से सीधे आए आदेश पर इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने इस मामले की गहन छानबीन की। एसटीएफ की रिपोर्ट में हर आरोपी के दस्तावेजी गड़बड़झाले की स्पष्ट जानकारी दी गई है। इस खुलासे ने प्रशासन में बैठे भ्रष्ट तत्वों और नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस घोटाले के सामने आने से शस्त्र लाइसेंस प्रणाली की पारदर्शिता और सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं, जिस पर तत्काल सुधार की आवश्यकता है।

Advertisements

See also  बचपन में नल चलाकर मां बहिनों की बाल्टी भरने वाले राजकुमार चाहर ने दिलाया सभी को गंगाजल: बेबी रानी मौर्य
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement