फतेहपुर सीकरी। हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह परिसर में सोमवार को सुबह 10 बजे रस्म सज्जादगी और जानशिनी का भव्य आयोजन किया गया। इस पवित्र समारोह में अरशद फरीदी चिश्ती ने 17वीं पीढ़ी के सज्जादानशीन के रूप में पदभार ग्रहण किया और चिश्ती सूफी परंपराओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में देशभर की विभिन्न सूफी संतों की दरगाह एवं खानकाहों के सज्जादानसी एवं धर्म गुरुओं के साथ राजनीतिक दलों के लोग उपस्थिति रहे।
दरगाह के सज्जादानशीन पीरजादा आयजुद्दीन चिश्ती उर्फ रईस मियां चिश्ती के संयोजन में आयोजित समारोह में देशभर से गणमान्य व्यक्ति, सांसद राजकुमार चाहर, रामपुर सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, विभिन्न दरगाहों के खानखाह, सूफी संतों के अनुयायी एवं हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ सज्जादानशी के अध्यक्ष नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि यहां से सबका साथ ,सबका एहतराम का पैगाम होना चाहिए। इस मौके पर सांसद राजकुमार चाहर ने कहा कि दरगाह पर सभी धर्म के लोग जियारत के लिए आते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। उन्होंने कहा नए सज्जादनसी गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाएंगे । इस मौके पर रामपुर सांसद ने कहा कि हम सभी का मजहब इंसानियत है और इंसानियत की इस समा को सज्जादा नसी रोशन रखेंगे।
सूफी परंपरा का निर्वहन दरगाह हजरत शेख सलीम चिश्ती भारत में सूफी मत और गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक मानी जाती है। इस दरगाह में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था व्यक्त करने आते हैं। अजमेर से आए नसीरुद्दीन चिश्ती ने सर्वप्रथम अरशद फरीदी चिश्ती को पगड़ी बांध कर रस्म का शुभारंभ किया। रस्म सज्जादगी के माध्यम से सूफी परंपरा को एक नई दिशा देने के लिए नव नियुक्त सज्जादानशीन अरशद फरीदी चिश्ती ने अपनी जिम्मेदारी संभाली।
कार्यक्रम की भव्यता इस मौके पर सूफी संतों के विभिन्न अनुयायियों ने कव्वाली और इबादत दुआएं अर्पित की।
इस रस्म के आयोजन के साथ ही अरशद फरीदी चिश्ती ने दरगाह की परंपराओं को आगे बढ़ाने और मानवता की सेवा करने का संकल्प लिया।
इस मौके पर अजमेर शरीफ़ दरगाह के जानशीन सज्जादनाशीं नसीरुद्दीन चिश्ती, निजामुद्दीन औलिया के सज्जादनाशीं पीर फरीद निजामी, रुदौली दरगाह के नैयर मियां, कलियर शरीफ दरगाह के सज्जादनाशीं अली शाह मियां समाजवादी पार्टी के सांसद मुहीबुल्ला नदवी, पूर्व सांसद अशोक तंवर , डॉ अमरनाथ पाराशर,पूर्व चेयरमैन टी सी मित्तल, बदरूद्दीन कुरैशी, अंजय गोयल, हाजी बदरुद्दीन कुरैशी, बंटी सिसोदिया, ओम कांत डागुर, नितिन गर्ग आदि मौजूद रहे।