अखाड़ों में सबका स्वागत…’, हर्षा रिछारिया के समर्थन में आए महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि; राहुल गांधी के बयान को बताया बचकाना
प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में सबसे बड़े अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ की गई टिप्पणी को बचकाना और अवांछित करार दिया है। साथ ही, उन्होंने वायरल हो रही साध्वी हर्षा रिछारिया पर भी अपनी राय दी और इस विषय में कुछ अहम बिंदु साझा किए।
महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि राहुल गांधी को सनातन धर्म और भारतीय सभ्यता का कोई ज्ञान नहीं है, इसलिए उन्होंने संघ प्रमुख पर ऐसी टिप्पणी की। उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि वह इस तरह के बयानों से बचें क्योंकि इससे समाज में भ्रम और तनाव बढ़ता है।
संघ प्रमुख के बयान का समर्थन
अवधेशानंद गिरि ने मोहन भागवत के ‘सच्ची आजादी’ वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक स्वतंत्रता 1947 में मिली, लेकिन 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ भारत में सांस्कृतिक स्वतंत्रता को भी स्थापित किया गया।”
हर्षा रिछारिया के समर्थन में बयान
अवधेशानंद गिरि ने हर्षा रिछारिया के मामले में कहा कि अखाड़ों में सभी का स्वागत है, चाहे वह लड़की हो, मॉडल हो, या कोई भी अन्य व्यक्ति। अगर कोई हर्षा रिछारिया जैसे व्यक्ति अखाड़े से जुड़ता है, तो कोई उसे मना नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता का अधिकार सभी को है और ऐसे मामलों में टिप्पणी करना गलत है।
मुसलमानों को आस्था के स्थल सौंपने की सलाह
अवधेशानंद गिरि ने मुसलमानों को आस्था के स्थल को लेकर भी सलाह दी। उन्होंने कहा, “मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि जहां आज मस्जिदें बनी हैं, वहां कभी मंदिर हुआ करते थे। अब समय आ गया है कि हिंदू स्वेच्छा से इन धर्मस्थलों को मुसलमानों को सौंप दें।”
अखाड़ों में बदलाव की बात
अवधेशानंद गिरि ने यह भी कहा कि अखाड़े समय के साथ बदलते रहते हैं। पहले जहां जाति और पंथ की कोई पाबंदी नहीं थी, वहीं अब किन्नर और महिला महामंडलेश्वर भी अखाड़ों का हिस्सा बन चुके हैं। यह समाज के बदलाव के अनुरूप एक परिवर्तनशील प्रक्रिया है।
महाकुंभ 2025 पर बयान
महाकुंभ 2025 को लेकर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि इस बार महाकुंभ में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु आने की संभावना है। उन्होंने कहा, “महाकुंभ के प्रति दुनियाभर में जबरदस्त उत्सुकता है। दुनिया के विभिन्न देशों, खासकर पाकिस्तान, सऊदी अरब, और ईरान में महाकुंभ के प्रति गहरी जिज्ञासा है। यह दर्शाता है कि सनातन धर्म की पहचान और महाकुंभ की महिमा पूरी दुनिया में फैल रही है।”