लखनऊ। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन करने के लिए निकले आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं को नियंत्रित रखने के लिए लखनऊ के हजरतगंज इलाके को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है। सोमवार को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था के खिलाफ राजभवन का घेराव करने के लिए निकले हैं।
आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने हजरतगंज के चारों तरफ कड़ी बेरिकेडिंग की है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया है। चंद्रशेखर आजाद ने राजधानी लखनऊ के परिवर्तन चौक से पैदल मार्च कर राजभवन जाने का ऐलान किया था। लेकिन पुलिस ने पहले ही मोर्चा संभाल लिया और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
पुलिस ने किया कड़ी बेरिकेडिंग
आजाद समाज पार्टी के इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन ने हजरतगंज क्षेत्र को पूरी तरह से घेर लिया है। चारों तरफ कड़ी बेरिकेडिंग की गई है और प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोकने की कोशिश की जा रही है। प्रदर्शनकारियों के साथ चंद्रशेखर आजाद के अलावा पार्टी के अन्य दिग्गज नेता भी मौजूद हैं, जो इस घेराव में भाग ले रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था की है पूरी तैयारी
पुलिस प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है। लखनऊ में इस समय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी सतर्कता बरती जा रही है। प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
क्या है प्रदर्शन का कारण?
आजाद समाज पार्टी का यह प्रदर्शन प्रदेश की कानून व्यवस्था और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सरकार की नीतियों के विरोध में किया जा रहा है। चंद्रशेखर आजाद और पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश में बढ़ती अपराधिक गतिविधियों, खासकर दलितों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उनकी आवाज उठानी जरूरी है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि सरकार की तरफ से इन्हें उचित सुरक्षा और न्याय नहीं मिल रहा है, जिससे समाज के ये वर्ग परेशान हैं।
लखनऊ में हजरतगंज क्षेत्र में चल रहे इस प्रदर्शन ने पूरे शहर की नजरें आकर्षित कर दी हैं। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और भारी बेरिकेडिंग के बावजूद आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता अपनी आवाज उठाने के लिए सड़क पर उतरे हैं। अब यह देखना होगा कि इस प्रदर्शन का क्या असर पड़ता है और क्या सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से सुनने का कदम उठाती है या नहीं।