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भू-माफिया सुशील गोयल की दो आवास सहकारी समिति के क्रय विक्रय पर लगी रोक#AgraNews

भू-माफिया सुशील गोयल की दो आवास सहकारी समिति के क्रय विक्रय पर लगी रोक#AgraNews

MD Khan
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आगरा। आगरा तहसील स्तर पर घोषित भू माफिया सुशील गोयल के खिलाफ सुधीर गोयल की शिकायत के आधार पर लखनऊ ने गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी नियुक्त कर रोक लगा दी है। शास्त्रीपुरम क्षेत्र में आने वाले गांव में कई क्षेत्रों में सक्रिय जय बजरंग आवास सहकारी समिति एवं रामकृष्ण सहकारी आवास समिति कि वित्तीय अनियमिताओं एवं वित्तीय बीमारियों के चलते अपर आवास आयुक्त अपार निबंधन श्री विनय कुमार मिश्रा आवास एवं विकास परिषद सहकारिता अनुभाग लखनऊ द्वारा जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है और प्रारंभिक जांच की शुरुआत करते ही कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी प्रकार के भूखंडों के क्रय विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

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सुधीर गोयल ने धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं और वित्तीय अनियमिताओं की सबूत प्रस्तुत किए हैं। जिसके परिपेक्ष में विभाग ने गंभीरता लेते हुए जांच अधिकारी के तौर पर कुमार संजय जी को नियुक्त किया है। जिन्होंने आगरा में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को रोक लगाने संबंधी पत्र प्रस्तुत कर दिया है। समिति से संबंधित बैंक प्रबंधकों को भी इस आशय का पत्र दिया है कि अब कोई भी वित्तीय लेनदेन नहीं किया जाएगा। अगले आदेशों तक जब तक जांच पूर्ण नहीं होती है। तब तक पूर्णता समिति से किसी भी प्रकार की बिक्री नहीं हो सकेगी।
इस संबंध में सभी सब रजिस्टार को भी सूचित किया जा रहा है।

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पूर्व में भी सुशील गोयल एवं उनके परिवारी जनों के खिलाफ आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा थाना शाहगंज में धोखाधड़ी का मुकदमा कराया गया था। तथा दर्जनों मुकदमे पहले से लंबित है। वर्तमान में यह एक बड़ी कार्रवाई है जिसके तहत अब समिति के सदस्यों के बयान लिए जाएंगे एवं अभिलेख तथा बैलेंस शीट आदि की जांच करी जाएगी। जो वित्तीय अनियमितताएं एवं बिना अनुमति के बडे प्लॉट सहकारिता विभाग से अनुमति लिये गलत बेच दिए गए हैं। उन पर भी सख्त कार्रवाई करी जाएगी।

जांच अधिकारी श्री कुमार संजय के द्वारा उक्त विषय में कहा गया कि यह गंभीर प्रकार का प्रकरण है जिनमें समिति द्वारा सदस्यों के हितों के खिलाफ शिकायत के आधार पर सभी प्रकार की रोक लगाते हुए समिति के अध्यक्ष सचिव आदि सभी को नोटिस दिए जा रहे हैं। और अगर दोषी पाया गया तो अभियोग भी पंजीकृत कराया जाएगा। इनके द्वारा कर गए बैनामों को भी शिकायतकर्ता की शिकायत सही पाए जाने पर विधि शून्य घोषित किया जा सकता है। और संबंधित संपत्ति को राज्य सरकार में निहित किया जा सकता है ।

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