बरेली, उत्तर प्रदेश: 2018 में बरेली में सिपाही धर्मेंद्र कुमार की हत्या के मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ट्रक चालक रोहित कुमार को दोषी ठहराया। अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304(1) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया।
- जज रवि कुमार दिवाकर की सख्त टिप्पणी
- कैसे हुई सिपाही धर्मेंद्र कुमार की हत्या?
- पुलिसकर्मियों की कठिनाइयों पर टिप्पणी
- कविता के माध्यम से पुलिस की पीड़ा को उजागर किया
- जनता की पुलिस के प्रति नकारात्मक धारणा
- हिट एंड रन मामलों में लापरवाह ट्रक चालकों पर चिंता
- सरकारी वकील दिगंबर सिंह का बयान
- बरेली पुलिस को हाईवे पर सख्ती के निर्देश
- फैसले से हाईवे पर मनमानी रोकने का प्रयास
जज रवि कुमार दिवाकर की सख्त टिप्पणी
इस मामले में जज रवि कुमार दिवाकर ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ट्रक चालकों को सड़क पर मनमानी करने की छूट दी जाती है, तो आम नागरिकों का सुरक्षित चलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि अगर इस अपराधी को कम सजा दी जाती, तो पुलिस विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों में गलत संदेश जाता। जज का यह बयान पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और सड़क पर हो रहे अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
कैसे हुई सिपाही धर्मेंद्र कुमार की हत्या?
घटना 9 मार्च 2018 की रात करीब 10:45 बजे की है, जब चौपुला ओवरब्रिज पर एक ट्रक ने सिपाही धर्मेंद्र कुमार को पीछे से टक्कर मारी। सिपाही ट्रक के पहियों में फंस गए, और ट्रक चालक ने वाहन नहीं रोका। इस वजह से सिपाही करीब 40-50 कदम तक घसीटते रहे और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। यह घटना बरेली पुलिस विभाग और पूरे समुदाय के लिए एक गहरी क्षति साबित हुई।
पुलिसकर्मियों की कठिनाइयों पर टिप्पणी
इस केस में जज रवि कुमार दिवाकर ने पुलिस विभाग के कर्मचारियों की कठिनाइयों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी 24 घंटे सेवा देने के बावजूद सरकारी सुविधाओं की कमी से जूझते हैं। जज ने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों को त्योहारों पर भी छुट्टी नहीं मिलती, वे हमेशा जनता की सुरक्षा में लगे रहते हैं, लेकिन उनके काम की अहमियत अक्सर नजरअंदाज की जाती है।
कविता के माध्यम से पुलिस की पीड़ा को उजागर किया
जज ने अपनी टिप्पणी में एक कविता का हवाला देते हुए पुलिस की पीड़ा को उजागर किया। उन्होंने कहा, “बिना पुलिस के रहकर देखो, तो समाज में कानून-व्यवस्था की असली अहमियत समझ आएगी।” यह बयान पुलिस के योगदान को दर्शाता है और जनता को यह समझाने का प्रयास करता है कि पुलिस की भूमिका समाज में कितनी महत्वपूर्ण है।
जनता की पुलिस के प्रति नकारात्मक धारणा
जज ने एक किस्से का जिक्र किया, जिसमें एक व्यक्ति ने पुलिस की मदद को भी चोरी समझ लिया। इस घटना ने यह दिखाया कि कैसे कुछ लोग पुलिस की ईमानदारी को संदेह की नजर से देखते हैं, जिससे पुलिस की छवि पर सवाल उठते हैं।
हिट एंड रन मामलों में लापरवाह ट्रक चालकों पर चिंता
कोर्ट ने हिट एंड रन मामलों में लापरवाह ट्रक चालकों और उनके द्वारा नशे में गाड़ी चलाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। जज ने भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 106(2) के तहत ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किए जाने की बात की, ताकि इस प्रकार के अपराधों में कमी लाई जा सके।
सरकारी वकील दिगंबर सिंह का बयान
सरकारी वकील दिगंबर सिंह ने अधिकतम सजा देने का समर्थन करते हुए कहा, “अगर ट्रक चालकों को निर्दोष लोगों को कुचलने की छूट मिल गई, तो सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा। मृतक धर्मेंद्र कुमार अपने पिता का इकलौता पुत्र था, और उसकी मौत से पूरा परिवार टूट गया। इस सजा के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि सड़क पर लापरवाही नहीं सहन की जाएगी।”
बरेली पुलिस को हाईवे पर सख्ती के निर्देश
कोर्ट ने बरेली पुलिस को हाईवे पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। अदालत ने अवैध रूप से खड़े ट्रकों पर कार्रवाई करने, नो-एंट्री के दौरान शहर में घुसने वाले ट्रकों को रोकने और नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया। यह निर्णय बरेली पुलिस की कार्यप्रणाली को सुधारने और सड़क पर होने वाली अव्यवस्थाओं को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
फैसले से हाईवे पर मनमानी रोकने का प्रयास
इस ऐतिहासिक फैसले का उद्देश्य हाईवे पर ट्रक चालकों की मनमानी को रोकना और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अब ट्रक चालकों के लापरवाह व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला न केवल पुलिस के लिए, बल्कि नागरिकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बरेली सिपाही हत्याकांड का यह ऐतिहासिक फैसला समाज में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और सड़क पर होने वाली अनियंत्रित घटनाओं को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। ट्रक चालकों के लापरवाह व्यवहार और उनकी मनमानी को रोकने के लिए अदालत द्वारा दिए गए आदेश पुलिस प्रशासन और नागरिकों के लिए एक बड़ा संदेश हैं।
