डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाने में नाकाम थाना बसई जगनेर पुलिस, जनता की जान जोखिम में

Raj Parmar
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जगनेर, आगरा : तांतपुर से आगरा मार्ग पर डग्गामार वाहनों का धड़ल्ले से संचालन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। थाना बसई जगनेर पुलिस इन अवैध वाहनों पर प्रभावी नियंत्रण लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। परिणामस्वरूप, आम जनता को यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए डग्गामार वाहनों में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई है।

आगरा कमिश्नर के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

पुलिस प्रशासन द्वारा पूर्व में अतिरिक्त सीटों पर रोक और डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन तांतपुर-आगरा रोड पर इन आदेशों का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। डग्गामार वाहन बिना किसी रजिस्ट्रेशन, फिटनेस या परमिट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिससे एक ओर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हो रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

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आम जनता की जान जोखिम में

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि डग्गामार वाहन चालक यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरते हैं और तेज गति में वाहन चलाते हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सरकारी बसें अक्सर खाली रह जाती हैं क्योंकि डग्गामार वाहन गांव-गांव से सवारियां उठाकर जल्दी पहुंचाने का दावा करते हैं।

भीषण हादसों का सिलसिला जारी

कुछ दिन पूर्व जगनेर से आगरा के बीच नोनी मार्ग पर हुए एक दर्दनाक हादसे ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर कर दिया। एक डग्गामार वाहन की मोटरसाइकिल से सीधी भिड़ंत हो गई, जिसमें दोनों मोटरसाइकिल सवारों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस और स्थायी कदम नहीं उठाया।

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जगनेर पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावा?

हालांकि, हाल ही में थाना जगनेर पुलिस द्वारा चलाए गए एक विशेष अभियान के दौरान 14 से अधिक डग्गामार वाहनों के खिलाफ चालान और जब्ती की कार्यवाही की गई, लेकिन यह अभियान भी कुछ ही दिनों में ठंडा पड़ गया। वर्तमान में फिर से वही स्थिति बन गई है, और डग्गामार वाहन पहले की तरह सक्रिय हैं।

प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक मिलीभगत के बिना इस तरह के अवैध संचालन संभव नहीं हैं। सवाल यह है कि जब इन वाहनों के खिलाफ कार्यवाही हुई थी, तो अब फिर से वे कैसे सक्रिय हो गए? क्या यह अभियान केवल औपचारिकता भर था?

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