- बर्खास्तगी में लगातार हो रही लेटलतीफी
- तीन माह पूर्व निलंबन के बावजूद नही हुई कार्रवाई
किरावली। अतीत में बेसिक शिक्षा विभाग में अनेकों अनियमितताएं और भ्रस्टाचार उजागर हो चुका है। फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे विभाग में नौकरी कर रहे शिक्षकों पर कार्रवाई के नाम पर विभाग की स्थिति शून्य हो जाती है। फर्जी शिक्षकों को लगातार बचाने की कोशिशें होती हैं।
आपको बता दें कि कागारौल कस्बा निवासी अब्दुल रज्जाक, पिनाहट के बघरैना स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत था। किरावली कस्बा निवासी जमील कुरैशी पुत्र बहाबुद्दीन कुरैशी द्वारा अब्दुल रज्जाक के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। जिसके मुताबिक अब्दुल रज्जाक द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर विभाग में नौकरी हासिल करने का आरोप था। शिकायत में उल्लेख किया गया था कि अब्दुल रज्जाक ने दो बार हाईस्कूल की परीक्षा दी, दोनों ही बार उसकी जन्मतिथि में भिन्नता थी।
शिकायत का संज्ञान लेकर बीएसए द्वारा विगत 18 नवंबर 2022 को अब्दुल रज्जाक को निलंबित करते बीईओ खंदौली को जांच सौंपी थी। बीईओ खंदौली द्वारा 22 फरवरी 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए अब्दुल रज्जाक द्वारा फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी हासिल करने पर अपनी मुहर लगायी थी। इस मामले में शिकायतकर्ता जमील कुरैशी ने सीडीओ और एडी बेसिक को प्रत्यावेदन देते हुए बताया कि विभाग द्वारा उसकी बर्खास्तगी में जानबूझकर लेटलतीफी की जा रही है।
बीईओ खंदौली से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ से उसके सत्यापित प्रमाणपत्रों में उसके फर्जी शिक्षक होने की पुष्टि हो चुकी है, इसके बावजूद उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही। शासन की भ्रस्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मुहिम को भी पलीता लगाया जा रहा है।
इनका कहना है
निलंबित शिक्षक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में लाने हेतु बीएसए को अवगत कराया गया है। कार्रवाई उन्हीं के स्तर से होगी।
महेश चंद्र-एडी बेसिक
