मल्हार शृंगार समारोह का सुरम्य आयोजन

Dharmender Singh Malik
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आगरा । नारायण विहार स्थित सुर सभागृह में पं रघुनाथ तलेगाँवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र आगरा द्वारा आयोजित किया गया।

देश के लब्ध प्रतिष्ठित संगीतज्ञ पं विजय सप्रे जी के शास्त्रीय गायन एवं डा शिवेन्द्र प्रताप त्रिपाठी जी के तबला वादन ने समां बांधा।

पं विष्णु दिगंबर पलुस्कर, पं विष्णु नारायण भातखण्डे, पं रघुनाथ तलेगाँवकर जी की जन्म जयन्ती एवं गुरूवर्य उस्ताद लल्लू सिंह तथा रानी सरोज गौरिहार जी की पुण्यतिथि को समर्पित कार्यक्रम का शुभारम्भ ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा मूर्धन्य संगीतज्ञों को माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया । तत्पश्चात् माँ सरस्वती की वंदना प्रतिभा जी, आर्ची एवं अभिलाषा शुक्ला ने प्रस्तुत की, संवादिनी पर साथ संगत की पं रविंद्र तलेगाँवकर ने एवं तबले पर थीं शुभ्रा तलेगाँवकर ।

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माँ को नमन करने के बाद मल्हार अंग के रागों पर आधारित पं रघुनाथ जी द्वारा रचित मल्हार शृंगार रचना “तानसेन गाये मल्हार” की अद्भुत प्रस्तुति संस्था के युवा साधकों श्री गोपाल मिश्रा एवं जतिन नागरानी द्वारा दी गई।

इस रचना में पंडित जी ने मियाँ मल्हार, मेघ मल्हार, देस मल्हार, गौड़ मल्हार, सूर मल्हार, रामदासी मल्हार, जयन्त मल्हार एवं कामोद मल्हार का सम्मिश्रण कर एक विलक्षण संयोजन किया है।

इस कार्यक्रम को श्रोताओं का भरपूर स्नेह मिला।

कार्यक्रम के अगले चरण में सुविख्यात तबला वादक डा शिवेन्द्र प्रताप त्रिपाठी जी का एकल तबला वादन हुआ जिसमें उन्होंने बनारस अंग की उठान, बाँट चक्रदार परन तथा स्पष्ट बोलों के रेलों से सुर सभागृह में उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।
आपके साथ लहरा संगति देश के जाने माने संवादिनी वादक पं रविंद्र तलेगाँवकर जी ने की।

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कार्यक्रम की समापन प्रस्तुति के रूप में भोपाल से पधारे संगीत मूर्धन्य पं राम मराठे जी के पटु शिष्य लब्ध प्रतिष्ठित संगीतज्ञ पं विजय सप्रे जी का गायन हुआ।
आपने प्रस्तुति का आरम्भ राग कल्याण में विलंबित रचना ताल एकताल में जिसके बोल थे “जग में सब काम मनुष्य के बस में नहीं”, मध्यलय रचना “सुगम रूप सुहावे सलोने मन” ताल तीनताल में तथा तराना द्रुत तीनताल में प्रस्तुत किया कार्यक्रम का समापन आपने राग देस में निबद्ध पारम्परिक दादरा “छा रही काली घटा जिया मोरा घबराये है” से किया।
आपके साथ तबले पर साथ दिया पं कुमार बोस जी के शिष्य श्री जयंत पॉल ने तथा संवादिनी पर थे एक बार पुनः पं रवींद्र तलेगांवकर जी।

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नगर के सभी गणमान्य सुधि रसिकों एवं जिज्ञासुओं में सर्वश्री धनवंत्री पराशर, योगेश शर्मा, अभय पोताडे, पायल चौहान, डा मनीषा, डा अनिल गौतम, शशि गौतम, क्रिस्टी लाल, डा महेश चंद धाकड़, गिरधारी लाल, डा प्रदीप श्रीवास्तव, शम्भु दयाल श्रीवास्तव, भानु प्रताप सिंह, अश्विनी कुमार, संदीप अरोड़ा, आशीष पाठक, मीनू सेन आदि

कार्यक्रम का सुंदर संचालन किया आकाशवाणी के कार्यक्रम अधीक्षक श्री कृष्ण जी ने और सभी सुधि श्रोताओं का आभार अध्यक्ष श्री विजयपाल सिंह चौहान एवं प्रबंधन्यासी श्रीमती प्रतिभा केशव तलेगाँवकर जी ने किया।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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