एटा जिले में बाजरा खरीद घोटाले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बाजरा खरीद में गड़बड़ी के आरोपों में घिरे एक कर्मचारी को न केवल बचाया गया बल्कि उसे दो केंद्रों का प्रभारी बनाकर पुरस्कृत भी कर दिया गया है।
क्या है मामला?
जिले में बाजरा खरीद के लिए बनाए गए केंद्रों में से एक, अलीगंज में पिछले साल बाजरा खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इस मामले में खाद्य एवं विपणन विभाग के एक कर्मचारी राहुल राणा पर गंभीर आरोप लगे थे। आरोप था कि उन्होंने तहसील और व्यापारियों के साथ मिलकर फर्जी किसानों के नाम पर बाजरा की खरीद की थी और लाखों रुपये का गबन किया था।
जांच अधूरी, दोषी को मिला इनाम
इस मामले की जांच जिलाधिकारी ने एएसडीएम को सौंपी थी लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते जांच अधूरी रह गई। इसके बजाय, राहुल राणा को न केवल बचाया गया बल्कि उसे दो केंद्रों, अलीगंज और जैथरा का प्रभारी बना दिया गया। इससे साफ है कि विभाग में भ्रष्टाचार कितना व्याप्त है।
किसानों का शोषण
इस तरह की गड़बड़ी से किसानों को सीधा नुकसान होता है। फर्जी तरीके से बाजरा खरीदने से वास्तविक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।