आगरा। जनपद में दिव्यांगों को प्रदान किए जाने वाले उपकरणों में हो रहे घोटाले का आपके लोकप्रिय समाचारपत्र अग्र भारत ने पिछले दिनों भंडाफोड़ किया था। इस प्रकरण में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के दिव्यांग प्रकोष्ठ के कथित जिला संयोजक देवेंद्र सविता पर दिव्यांगों के हितों के साथ कुठाराघात करते हुए उनके नाम पर कागजों में फर्जीवाड़ा करने के गंभीर आरोप लगे थे।
आपको बता दें कि दिव्यांगों के उपकरण घोटाले में भंडाफोड़ के बाद भारतीय जनता पार्टी में भी हड़कंप की स्थिति है। जिस पार्टी की केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ सरकार, दिव्यांगों के हितों के लिए हमेशा गंभीर रहती है। उसी पार्टी का कथित पदाधिकारी लगातार अपने पद का रुतबा दिखाकर घोटाले को अंजाम दे रहा था। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से अपनी नजदीकी दिखाकर दिव्यांगो के साथ कुठाराघात किया जा रहा था।
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इस मामले में बुधवार को भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह ने कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि देवेंद्र सविता की नापाक हरकतों की वजह से उसको पार्टी संगठन से काफी पहले ही हटा दिया गया था। उसके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी। पार्टी विद डिफरेंस को प्राथमिकता पर रखते हुए उसको संगठन से हटा दिया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस प्रकरण में दिव्यांग विभाग के अधिकारियों को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अधिकारियों के बिना घोटाला होना संभव नहीं है। विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर पूरा खेल खेला गया है।
आकाओं की शरण में पहुंचा देवेंद्र सविता
अपनी करतूतों का पर्दाफाश होने के बाद देवेंद्र सविता ने जनप्रतिनिधियों के यहां पहुंचकर अपने आप को बचाने की पुरजोर कोशिशें शुरू कर दी हैं। सूत्रों के मुताबिक एक बड़े जनप्रतिनिधि की छत्रछाया में रहकर देवेंद्र सविता ने पूरे घोटाले को अंजाम दिया था। उस जनप्रतिनिधि की आड़ लेकर देवेंद्र सविता अधिकारियों कर रौब गांठता था। उसके खिलाफ शिकायतों को भी लगातार नजरंदाज किया जाने लगा। उस जनप्रतिनिधि के प्रभाव की बदौलत ही देवेंद्र सविता का नेटवर्क काफी बढ़ गया था।