दो गांवों में 2 किलोमीटर तक गेहूं की फसल राख, किसानों पर टूटा संकट
इटावा: जिले के चौबिया क्षेत्र के बख्तियारपुर और अतिराजपुर गांवों के बीच आज एक हृदयविदारक घटना घटी, जिसमें लगभग 2 किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में खड़ी गेहूं की फसल भीषण आग की चपेट में आ गई। इस भयावह अग्निकांड ने किसानों की महीनों की मेहनत को पल भर में स्वाहा कर दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक और निराशा का माहौल छा गया है।
आग लगने की घटना दोपहर के समय हुई, जब तेज हवाएं चल रही थीं। माना जा रहा है कि इन्हीं हवाओं के कारण आग तेजी से फैली और आसपास के खेतों को भी अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रहा था।
सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। ट्रैक्टरों से पानी और पारंपरिक तरीकों से आग पर काबू पाने की कोशिशें नाकाम रहीं। इसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई। दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक किसानों की बहुमूल्य फसल जलकर राख हो चुकी थी।
इस अग्निकांड से बख्तियारपुर और अतिराजपुर गांवों के सैकड़ों किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उनकी साल भर की मेहनत और उम्मीदें इस आग में खाक हो गईं। कई किसानों के लिए तो यही एकमात्र सहारा था, जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। अब उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
अपनी आंखों के सामने फसल को जलते देख किसान बेहाल थे। कई किसान सदमे में खेतों में ही गिर पड़े। स्थानीय प्रशासन ने घटना का संज्ञान लेते हुए नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और प्रभावित किसानों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। सरकार से किसानों को उचित मुआवजा मिलने की उम्मीद है।
आग लगने के कारणों का अभी तक आधिकारिक तौर पर पता नहीं चल पाया है, लेकिन चिंगारी या लापरवाही की आशंका जताई जा रही है। पुलिस और प्रशासन आग लगने के सही कारणों की जांच कर रहे हैं।
इस दुखद घटना ने कृषि क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। किसानों और स्थानीय प्रशासन को मिलकर आग से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलानी होगी।
फिलहाल, इटावा के इन दो गांवों में मातम का माहौल है। किसान अपनी जली हुई फसलों को देखकर हताश हैं और सरकार व समाज से मदद की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। यह अग्निकांड न केवल किसानों बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।