अंबेडकर नगर विद्युत विभाग में ‘जीरो टॉलरेंस’ का मज़ाक: मुख्य अभियंता पत्रकारों को कर रहे ब्लॉक, बाबू अज़ीम अहमद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप!

Kulindar Singh Yadav
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अंबेडकर नगर विद्युत विभाग में 'जीरो टॉलरेंस' का मज़ाक: मुख्य अभियंता पत्रकारों को कर रहे ब्लॉक, बाबू अज़ीम अहमद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप!

अंबेडकर नगर: उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की योगी सरकार की नीति का खुलेआम मज़ाक उड़ाया जा रहा है। यहां विद्युत विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत अज़ीम अहमद पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन उच्च अधिकारी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि जब इस संबंध में पत्रकारों ने प्रश्न पूछे तो मुख्य अभियंता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अशोक कुमार चौरसिया ने मोबाइल नंबर ही ब्लॉक कर दिया।

बाबू अज़ीम अहमद पर गंभीर आरोप, 5 साल से निविदा पटल पर सक्रिय

सोशल एक्टिविस्ट अविनाश अग्रवाल ने जनवरी माह में ही पत्राचार के माध्यम से यूपीपीसीएल और मध्यांचल के शीर्ष अधिकारियों को अज़ीम अहमद के भ्रष्टाचार के बारे में अवगत करा दिया था। आरोप है कि अज़ीम अहमद पिछले 5 वर्षों से निविदा के पटल पर बैठकर कॉरपोरेशन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वे अधिकारियों के साथ मिलकर स्थानीय ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने, दलाली के आधार पर निविदा देने और कार्यालय में अनैतिक कार्यों को बढ़ावा देने में शामिल हैं। अविनाश अग्रवाल ने यह भी दावा किया कि अज़ीम अहमद ने अलग-अलग नामों पर अवैध संपत्ति भी बनाई है।

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अविनाश अग्रवाल द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद से लगातार समाचार पत्रों में भी यह मुद्दा प्रकाशित किया जा रहा है, लेकिन जिले के विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

पत्रकारों के नंबर ब्लॉक कर रहे मुख्य अभियंता, शासन की मंशा के विपरीत कार्य

जब ‘अग्र भारत’ समाचार पत्र के संवाददाता ने मुख्य अभियंता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अशोक कुमार चौरसिया से इस बाबत प्रश्न पूछा, तो उन्होंने बताया कि उन्हें अज़ीम अहमद के कार्यकाल और अन्य शिकायतों के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है। इसके तुरंत बाद उन्होंने संवाददाता के व्हाट्सएप मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया। यह घटना दर्शाती है कि जहां एक तरफ मुख्यमंत्री कार्यालय से मीडिया कर्मियों के साथ मधुर संवाद की हिदायत अधिकारियों को दी जाती है, वहीं दूसरी तरफ अशोक कुमार चौरसिया जैसे अधिकारी शासन की मंशा के विपरीत कार्य कर रहे हैं।

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शीर्ष अधिकारियों की ‘मजबूरी’ और सांठगांठ के आरोप

सोशल एक्टिविस्ट अविनाश अग्रवाल ने बताया कि अज़ीम अहमद के भ्रष्टाचार के खिलाफ पहली शिकायत जनवरी माह में ही यूपीपीसीएल और मध्यांचल के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष दर्ज कराई गई थी। लेकिन, अज़ीम अहमद की पहुंच के आगे शिकायतों पर किसी भी शीर्ष अधिकारी ने कोई एक्शन नहीं लिया, और वे लगातार विभाग को खोखला करते रहे।

विभाग के ही कर्मचारी दबी जुबान में बताते हैं कि लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद कोई कार्रवाई इसलिए नहीं हो रही, क्योंकि मुख्य अभियंता वितरण से लेकर अधीक्षण अभियंता तक सभी शीर्ष अधिकारियों के हित अप्रत्यक्ष रूप से अज़ीम अहमद से जुड़े हुए हैं।

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राम रतन बाबू के पटल पर भी अज़ीम अहमद की निगाहें

अंबेडकर नगर विद्युत विभाग में निविदा पटल के अलावा दूसरी ‘मालदार’ पटल राम रतन बाबू की मानी जाती है, जिस पर अज़ीम अहमद की निगाहें गड़ी हुई हैं। आरोप है कि इसी पटल को हथियाने के लिए अज़ीम अहमद ने साजिश के तहत अधीक्षण अभियंता कार्यालय के माध्यम से सबसे पहले राम रतन बाबू का ट्रांसफर करवाया। इस पूरे ‘खेल’ में जिले के विद्युत विभाग के शीर्ष अधिकारी स्वयं शामिल हैं, जो विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

 

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