झाँसी, सुल्तान आब्दी: कोतवाली मोंठ क्षेत्र के ग्राम पाड़री में मंगलवार रात ग्राम प्रधान और पूर्व प्रधान के परिजनों के बीच ज़मीन विवाद को लेकर जमकर संघर्ष हो गया. देखते ही देखते यह विवाद खूनी झगड़े में बदल गया, जिसमें दोनों पक्षों के आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. झगड़े की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से पूछताछ कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
ग्राम प्रधान का आरोप: रास्ते को लेकर विवाद और जान से मारने की धमकी
जानकारी के अनुसार, वर्तमान ग्राम प्रधान अजय राजपूत अपने पुत्र के साथ चिरगांव से मोटरसाइकिल से गांव लौट रहे थे. रास्ते में उन्हें एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से रास्ता अवरुद्ध मिला, जो कथित रूप से पूर्व प्रधान हरपाल श्रीवास के परिजन खड़ा किए हुए थे.
ग्राम प्रधान अजय राजपूत ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करने पर पूर्व प्रधान के परिजनों ने न केवल गाली-गलौच शुरू कर दी, बल्कि फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी भी दी. अजय राजपूत के अनुसार, हालात इतने बिगड़ गए कि उन्हें और उनके पुत्र को जान बचाकर वहां से भागना पड़ा. उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस से तत्काल मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
पूर्व प्रधान की शिकायत: खाद उतारने के दौरान मारपीट, सीसीटीवी में कैद घटना
वहीं दूसरी ओर, पूर्व प्रधान हरपाल श्रीवास ने भी पुलिस को एक प्रार्थना पत्र सौंपा है. उन्होंने बताया कि चिरगांव से खाद लादकर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली उनके घर भेजी गई थी. परिजन खाद की बोरियाँ उतार रहे थे, तभी वर्तमान प्रधान के पुत्र और अन्य परिजन वहां पहुंचे और ट्रैक्टर हटाने की बात कहकर विवाद करने लगे. हरपाल श्रीवास का आरोप है कि विरोध करने पर प्रधान पक्ष के लोगों ने उनके परिजनों के साथ मारपीट की, जिसकी रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरे में भी हुई है. उन्होंने भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
दलित उत्पीड़न का आरोप: एसएसपी से कार्रवाई की मांग
पूर्व प्रधान हरपाल श्रीवास ने आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को एक प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधान पक्ष के लोग काफी दबंग किस्म के हैं और हर किसी पर हमलावर रहते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने घर के पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी जमकर लाठी-डंडों से पीटा है, जिसकी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है. हरपाल श्रीवास ने आगे बताया कि जब वे लोग थाने शिकायत करने गए तो उल्टा थाने में उनको बैठा लिया गया और उनका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या योगी सरकार में दलितों पर इसी तरह अत्याचार होता रहेगा?” वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
मोंठ कोतवाल अखिलेश द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं. मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के आरोपों की सत्यता की जांच के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी.