राम मंदिर के छत के पत्थर पहुंचे अयोध्या, जून तक पूरा हो जाएगा छत का काम
अयोध्या । अयोध्या में भगवान रामलला के मंदिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मंदिर निर्माण का काम तय समय पर पूरा करने के लिए खाका तैयार किया गया है। इसमें मंदिर का प्लिंथ और मंदिर के स्तंभों को समय-सीमा में पूरा किया जाना है। इन सभी कार्यों का मंदिर निर्माण में लगे इंजीनियरों ने एक तय समय सीमा निर्धारित की थी, जिसके तहत मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और अब रामलला के बहुप्रतीक्षित मंदिर के भूतल के छत की बारी है। लिहाजा उसके लिए भी समय-सीमा तय की गई है।
मई से रामलला के मंदिर के छत स्तंभ के ऊपर रखना शुरू हो जाएगा, जो जून तक पूरी कर ली जाएगी। हालांकि, जिस तरह से भगवान राम के मंदिर का निर्माण चल रहा है, उससे यह पता चलता है कि 10 महीने बाद भगवान राम भव्य गर्भ गृह में विराजमान होकर दिव्य दर्शन देंगे।
बीते दिनों अयोध्या में कार्यशाला का कार्यभार कम करने के लिए राजस्थान में दो कार्यशाला ट्रस्ट के तरफ से शुरू की गई थी।
रामलला के मंदिर की छत के लिए राजस्थान के सिरोही कार्यशाला में रामलला के मंदिर के छत का निर्माण का कार्य सौंपा गया था। मंदिर निर्माण में स्तंभ लगाए जा रहे हैं और जल्द ही स्तंभ के ऊपर भूतल की छत लगाई जानी है। इसलिए भूतल के छत के पत्थरों का पहुंचना भी अब अयोध्या में शुरू हो चुका है। इन पत्थरों को बाकायदा तैयार करके उसकी नक्काशी को नुकसान न पहुंचे, इस लिहाज से व्यवस्थित ढंग से पैक किया जाता है, फिर राजस्थान से अयोध्या मंगाया जा रहा है।
भगवान रामलला के मंदिर के पत्थरों पर बकायदा नंबरिंग और कोडिंग है, जिसको लेकर कार्य कर रहे सुपरवाइजर का दावा है कि इन्हीं कोडिंग के अनुरूप पत्थरों को छत पर रखा जाएगा, जिसका डायग्राम पहले से तैयार है।
कौन सा पत्थर किस साइज का है और उसकी कितनी ऊंचाई और किस जगह पर लगाना है, यह सब कोडिंग के जरिए जाना जा रहा है। इससे समय भी बचेगा और तेजी के साथ भगवान रामलला के बहुप्रतीक्षित मंदिर की छत लगा दी जाएगी। रामसेवकपुरम में सुपरविजन कर रहे कारीगर रंजीत मीणा ने बताया कि राजस्थान के सिरोही में लगाई गई राम मंदिर निर्माण के लिए कार्यशाला से रामलला के मंदिर के छत का पत्थर तराश कर आए हैं।