Breaking News: प्रकाश नारायण शर्मा उर्फ़ बबली भाई को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Dharmender Singh Malik
13 Min Read

आगरा। अधिवक्ता प्रकाश नारायण शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और शनिवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा। उनके ऊपर न्यू आगरा थाने में मारपीट का मुकदमा दर्ज था। इंस्पेक्टर न्यू आगरा ने बताया की प्रकाश नारायण के खिलाफ देवानी परिसर में एक युवती ने मारपीट और एक्सटॉरशन का मुकदमा दर्ज करवाया गया था। अधिवक्ता को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा।

आपको बता दें की दीवानी के नामचीन अधिवक्ता प्रकाश नारायण उर्फ़ बबली भाई की अय्याशी के किस्से सुर्खियों में रहे हैं। अधिवक्ता के खुद के द्वारा बनाये गये दर्जनों वायरल फोटो व वीडियो लोगों के बीच चर्चा के विषय बने। उनकी अय्याशी की कहानी के चर्चे पिछले दिनों से दीवानी के हर चैंबर में हुई थी । हालांकि वह खुद उन दिनों भूमिगत हो गये थे।

अधिवक्ता के महिलाओं के साथ के अंतरंग फोटो और वायरल हो गये थे । फोटो भी ऐसे कि समाज के सामने प्रस्तुत नहीं किये जा सकते थे। अधिवक्ता के साथ फोटो में थीं उनमे अधिकांश महिलाएं उनकी क्लाइंट थीं।

 

आगरा अधिवक्ता वीडियो मामला…एक दो नहीं दर्जन भर महिलाओं के साथ बनाई है अश्लील वीडियो

वकालात की आड़ में वकील कर रहा काली करतूत….

दर्जनभर पीड़ित महिलाओं को बनाया अपनी हवस शिकार
वकील ने अपने मोबाइल से बनाई हैं दर्जनों वीड़ियों व फोटोग्राफ
फोटो के जरिये वकील का ब्लैकमैलिंग का तो नहीं है नेटवर्क

अग्र भारत ब्यूरो

आगरा। जिले में दीवानी के नामचीन अधिवक्ता की अय्याशी के किस्से सुर्खियों में हैं। अधिवक्ता के खुद के द्वारा बनाये गये दर्जनों वायरल फोटो व वीडियो लोगों के बीच चर्चा के विषय बने हुए हैं। उनकी अय्याशी की कहानी के चर्चे पिछले दिनों से दीवानी के हर चैंबर में हो रही है। हालांकि वह खुद इन दिनों भूमिगत हो गये हैं। मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अधिवक्ता के अन्य महिलाओं के साथ के अंतरंग फोटो और वायरल हो गये। फोटो भी ऐसे कि समाज के सामने प्रस्तुत नहीं किये जा सकते। सूत्रों के मुताबिक अधिवक्ता के साथ फोटो में दिख रही अधिकांश महिलाएं उनकी क्लाइंट हैं। महिलाएं अच्छे परिवार से संबंध रखती हैं।

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सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर महिलाएं अधिवक्ता के साथ यह सब मजबूरी में कर रही हैं, या उनकी सहमति है? जब उन्हे यह सब ही करना था, तो अपने-अपने पति से आसानी से अलग हो सकती हैं। वह क्यों अपने पति और बच्चों को अंधेरे कुंए में धकेल रही हैं। सवाल यह भी है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अधिवक्ता प्रेम जाल में फंसाकर ब्लैगमैलिंग गैंग चला रहा हो, जो उसके जाल में एक बार फंसी तो फिर निकल ही नहीं पाई हो! कानून के जानकार इस मामले में कहते हैं कि अधिवक्ता द्वारा अपने क्लाइंट के साथ इस तरह की हरकत करना पेशे से गद्दारी है। आखिर कौन है अधिवक्ता? क्या इनका बैकग्राउंड? कैसे हैं इनके शौक पढ़िये दैनिक अग्र भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट…

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रुतबा ऐसा कि सुर्पीमकोर्ट के वकील भी शर्मा जायें
सूत्रों के अनुसार दीवानी के मोस्ट सीनियर अधिवक्ता अपनी अय्याशी को लेकर चर्चाओं में हैं। वह फौजदारी और फैमली कोर्ट मास्टर कहे जाते हैं। वह झूठ को सच और सच को झूठ कैसे साबित करना है वह उनके बायें हाथ का कमाल है। महिलाओं के मामले में तो वह कोर्ट में लाव-लश्कर के साथ पहुंचते हैं। विपक्ष का वकील उन्हे देखते ही न चाहकर भी झुककर सलाम ठौंकता है। वह अपने क्लाइंट के लिए इस हद तक चले जाते हैं कि सामने वाले अधिवक्ता और उसके क्लाइंट को हड़का तक देते हैं। वह जज के सामने ऐसा भौकाल बनाते हैं कि सामने वाला वकील अपनी पैरवी छोड़ देता है या हल्की कर देता है। अधिवक्ता के अंडर में दर्जनभर जूनियर की फौज है। वह सभी एक साथ चलते हैं। वह अपने क्लाइंट को भरोसा दिलाते हैं कि वह और उनकी टीम शाम, दाम, दंड, भेद सब लाकर विजयी दिलवायेंगे। वकील साहब रात को मिठाई का डिब्बा लेकर भी निकलते हैं। इनके चेहरा ओवर कॉन्फीडेंस के अलावा घमंड से भरा रहता है।

दो पत्नी और अनगिनत प्रेमिकाएं
अधिवक्ता ने पहली शादी के बाद एक शादी की है। दोनों पत्नियों को अलग-अलग रखे हुए हैं। दोनों को अपने पैतृक गांव से प्रधान बनवाया। वह दोनों से पहले 1988 में खुद प्रधान रह चुके हैं। इनके बाबा जिला स्तर के एक विभाग में वैद्य थे। इनके पिता आज भी शिक्षा माफिया के नाम से पहचाने जाते हैं।

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सूत्रों के मुताबिक वह भी अपने अधिवक्ता पुत्र की तरह सर्वगुण संपन्न थे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह समझदार थे, होशियार थे, मौका देखकर चौका मारते थे, अधिवक्ता को हर लड़की को देखते ही प्यार हो जाता है। प्रेमिकाओं के मामले में अधिवक्ता की लंबी लिस्ट है। यह कहना तो गलत होगा कि उनके पास अपनी पीड़ा लेकर आई हर महिला इनके चुंगल में होगी।

किराये के मकान पर कब्जे का है आरोप
तीन दशक पहले अधिवक्ता शहर के बीच पुरानी सब्जी मंडी के पास एक किराये के मकान में रहने आये। वह मकान आज भी अधिवक्ता के कब्जे में है। इसके अलावा जिले के आला अधिकारी के आवास के पीछे वाले एरिये में शानदार निजी कोठी बनाई है। वह उनकी पहली पत्नी और बच्चे रहते हैं। दूसरी पत्नी के लिए कोठी कमला नगर थाना क्षेत्र में है।

वहीं एक प्रेमिका के लिए फतेहाबाद रोड पर स्थित एक अपार्टमेंट में फ्लैट लिया है। वहां भी उनका आना-जाना है। यह प्रेमिका भी इनकी क्लाइंट है। वहीं एक महिला क्लाइंट सिकंदरा क्षेत्र की है। उसके घर हर तीसरे दिन उनका आना-जाना है। महिला पर एक बेटा है। कोठी उसके पति और दो भाइयों के नाम है। वकील साहब ने महिला को जबरन कब्जा दिला दिया है। उसके एवज में वह आये दिन फीस वसूलने पहुंचते हैं।

वकालात से अच्छी तो मसाज करते हैं वकील साहब
एक दर्जन से अधिक फोटो और वीडियों में वकील और महिलाएं न्यूड हैं। सभी फोटो वकील द्वारा लिये गये हैं। एक-दो वीडियों भी हैं, जो पहले से कमरे में मोबाइल या कैमरे से बनाई हैं। एक वीडियो में महिला की बॉडी पर तेल डालकर वकील साहब मसाज कर रहे हैं। दो मिनट पचास सैकेंड के वीडियो में प्रोफेसनल तरीके से महिला को मसाज दे रहा है।

महिला भी मसाज का फुल लुप्त ले रही है। दूसरा वीडियो जो कि 40 सैकेंड का है। उसमें महिला क्लाइंट के साथ हुक्का बार में धुंए के छल्ले उड़ा रहे हैं। महिला भी हुक्का का कश लेकर वकील के मुंह पर छोड़ रही है। वीडियो में तेज म्यूजिक बज रहा है। वहीं तीसरा वीडियो जो दो दिन से खूब वायरल हुआ है। उसमें वकील अपनी प्रेमिका के साथ आलीशान होटल के बॉथटब में नग्न अवस्था में नहा रहे हैं। वहीं अन्य फोटो घरों में लिये गये हैं। दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हुई हैं।

बड़ा सवाल, महिलाओं की मजबूरी या शौक
फोटो में दिख रही महिलाओं के पहनने के तरीके से साफ दिख रहा है कि यह सभी बड़े-बड़े परिवारों से ताल्लुक रखती होंगी। इनके पास पैसे की कोई कमी नहीं हैं। इनके ईगो और घंमड ने पतियों से अलग कर दिया है और अपने झूठे सम्मान को बरकार रखने के लिए पतियों से केस लड़ रही हैं। इसका पूरा फायदा यह अय्याश अधिवक्ता उठा रहा है।

महिलाओं को अपने चंगुल में फंसाकर उनकी फोटो और वीडियो निकालकर रख ली हैं। वह महिलाएं चाहकर भी अधिवक्ता के जाल से नहीं निकल सकती। अधिवक्ता द्वारा महिलाओं को ब्लैकमैलिंग की बात कही जाये तो इसमें कोई गुरेज नहीं होगा। नाम न छापने पर दीवानी के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वकालात के पेशे को बदनाम करने वाले ऐसे वकील का बार काउंसिल से लाइसेंस निरस्त होना चाहिए।

वकील का तानाशाही व्यवहार बना दुश्मन
अधिवक्ता के चैंबर में सालों से जूनियर की फौज रही है। जूनियर वकील आये और बहुत कुछ सीखकर चले गये। अधिवक्ता के अपने जूनियर्स के प्रति रूखे व्यवहार से सभी पीड़ित रहे। वह महिला क्लाइंट के होने पर अपने जूनियर्स से ऐसे बात करते जैसे वह उनके जड़ खरीद गुलाम हो। ऐसी चर्चाएं हो रही हैं कि उनके किसी पीड़ित जूनियर वकील ने उनके मोबाइल से वीडियो और फोटो निकालकर वायरल कर दिये हैं। अधिवक्ता के पास चार मोबाइल हैं। वह चैंबर में पहुंचने पर मोबाइल टेबल पर रख देते हैं। कोर्ट जाने के दौरान उनके मोबाइल जूनियर ही संभालते हैं। महिला क्लाइंटों के विपक्षी (उनके पति) सक्रिय हो गये हैं। वह इन फोटो और वीडियो के जरिये अपना पक्ष कोर्ट में मजबूती से रखकर मुकदमें से अपना पीछा छुड़ाने की जुगाड़ में हैं।

वकील का क्लाइंट के लिए ये हैं दायित्व
1. उन्हें पूरा मामला और जानकारी सुनना होती है।
2. वे सेवा से मुकर नहीं सकते।
3. वे तब स्वयं पेश नहीं हो सकते, जिसमें वे गवाह हैं।
4. क्लाइंट को बात पूरी व दो टूक बताना।
क्लाइंट को बिना किसी पक्षपात के पूरी बात बताना वकील की जवाबदारी है। अन्यथा इससे फैसले प्रभावित हो सकते हैं। कुछ मामलों में वकील दूसरे पक्ष से संबंधित होते हैं।
5. क्लाइंट का हित पहले।
अदालत में किसी क्लाइंट का पक्ष रखते हुए वकील का निर्भीक होना जरूरी है, ताकि मामला पक्ष में जाने पर भी उसे कोई प्रभावित न कर सके।
6. किसी भी स्थिति में कोई गवाह या सामग्री नहीं छिपाएंगे।
7. क्लाइंट और अपनी बातें जाहिर न करें।
दोनों के बीच आपसी विश्वास का आधार यही है। तलाक के मामलों में कई जानकारियां इतनी व्यक्तिगत होती हैं कि उसे जाहिर करना गरिमा पर चोट पहुंचाने जैसा होता है। वकील जो भी सलाह क्लाइंट को दे रहा है तो उसे किसी और को जाहिर नहीं करेगा। यदि वह इसका उल्लंघन करता है तो भारतीय गवाह कानून 1872 के तहत वह भी जिम्मेदार माना जाएगा।
8. वकील अदालती लड़ाई को अनावश्यक रूप से खींचते रहते हैं। कई बार दोनों पक्ष मामले को हल करना चाहते हैं, लेकिन वकील मामले को आगे बढ़ाने के लिए जोर देते हैं। यह ठीक नहीं माना जा सकता।
9. कोई भी वकील क्लाइंट को छोड़कर किसी अन्य के निर्देश पर काम नहीं कर सकता, न ही क्लाइंट के अधिकृत व्यक्ति के निर्देश पर।
10. यदि संपत्ति संबंधी मामले हैं तो वकील संपत्ति में परसंटेज बतौर फीस नहीं मांग सकता। यह बार काउंसिल द्वारा अनुमति प्राप्त नहीं है।
11. किसी संपत्ति के मामले में वह उक्त संपत्ति खरीदने या उसकी बोली भी नहीं लगा सकता।
12. वकील किसी मामले से जुड़ी संपत्ति की बोली न लगाने के अलावा हस्तांतरण की कवायद भी नहीं कर सकता।
14. किसी क्लाइंट द्वारा जाहिर की गई जानकारियों का वकील मामले के बाद भी दुरुपयोग नहीं कर सकता है। यह पेशेगत गरिमा के अनुकूल नहीं है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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