भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बजरंग पूनिया पर तीखे आरोप लगाते हुए उन्हें जूनियर खिलाड़ियों के लिए ‘खलनायक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया ने नैतिकता की बात करने के बावजूद बिना ट्रायल के कुश्ती में भाग लिया। बृजभूषण शरण सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि विनेश फोगाट को मेडल न मिलने से उन्हें कोई व्यक्तिगत दुख नहीं है।
सत्तारूढ़ नेता बृजभूषण सिंह ने शनिवार को नवाबगंज नंदिनी नगर महाविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बजरंग पूनिया पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया ने कोई आदर्श स्थापित नहीं किया और नैतिकता की बात करने वाले खिलाड़ी बिना ट्रायल के कुश्ती में उतर गए।
सिंह ने बजरंग पूनिया से सात सवाल पूछे:
1. क्या कुश्ती में यह नियम है कि एक खिलाड़ी एक दिन में दो वेट क्लास में ट्रायल दे सकता है?
2. विनेश फोगाट ने एक दिन में दो ट्रायल कैसे दिए?
3. क्या यह सच नहीं है कि वजन के बाद पांच घंटे तक कुश्ती नहीं होने दी गई?
4. क्या यह सच नहीं है कि 53 किलो वेट क्लास में वह 10-0 से हार गईं?
5. क्या यह सच नहीं है कि कहा गया कि जब तक फेडरेशन के लोग बाहर नहीं जाएंगे, ट्रायल नहीं होगा? रेलवे अधिकारियों की उपस्थिति में ट्रायल कराया गया।
6. क्या यह सच नहीं है कि शिवानी पवार को जीतते हुए जबरदस्ती हराया गया? विनेश फोगाट ने नियमों का उल्लंघन कर कुश्ती लड़ी थी।
7. बजरंग पूनिया की हैसियत क्या है कि वे मुझसे बात करेंगे?
पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि बजरंग पूनिया ने कुश्ती संघ के पद के लिए अपनी पत्नी का इस्तेमाल किया और अब वह अपनी पत्नी के साथ घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विनेश फोगाट के मेडल न मिलने पर कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया था और पूरी प्रणाली को हाईजैक कर लिया था, जिससे जूनियर पहलवानों का हक मारा गया।
सिंह ने कांग्रेस और अन्य नेताओं पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि पवन खेड़ा को यह जानना चाहिए कि उनके दादा को 14 साल के लिए जेल हुई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस, दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा इस मुद्दे को भुनाना चाहते हैं और लड़कियों की बदनामी के मामले की स्क्रिप्ट कांग्रेस के इशारे पर तैयार की गई थी।