ललितपुर: धर्म और आस्था का अद्भुत संगम, बुंदेलखंड की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा सोमवार, 4 अगस्त 2025 को ललितपुर में निकाली गई। संघर्ष सेवा समिति और विशाल कांवड़ यात्रा सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस यात्रा में हजारों शिव भक्तों ने भाग लिया।
यात्रा की शुरुआत सुबह 9 बजे तुवन मंदिर प्रांगण से हुई। यहां संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ. संदीप ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। उनके आगमन पर जगह-जगह उनका तिलक लगाकर, माल्यार्पण कर, शॉल और पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया। इस दौरान “डॉक्टर संदीप जिंदाबाद” और “संघर्ष सेवा समिति जिंदाबाद” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
यात्रा की भव्यता ने मोहा मन

यह कांवड़ यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों जैसे घंटाघर, वीर सावरकर चौक और नेहरू महाविद्यालय से होते हुए मसूटा, घटवार, निवाई, भोता और पाली जैसे गांवों से गुजरी। यात्रा का मुख्य आकर्षण कानपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया भोले और अघोरी तांडव नृत्य था, जिसने भक्तों में जोश भर दिया।
इसके साथ ही, भोलेनाथ और पवनपुत्र हनुमान के विशाल स्वरूपों ने अपनी अलौकिक छटा बिखेरी। उज्जैनी डमरू और तांसे के साथ महाआरती की गई। यात्रा की अगुवाई में पुष्प वर्षा करती हुई विशाल तोपें भी चल रही थीं, जो इसकी शोभा बढ़ा रही थीं। पूरी यात्रा को भव्य बनाने के लिए जगह-जगह लाइव टेलीकास्ट की भी व्यवस्था की गई थी।
नीलकंठेश्वर में हुआ यात्रा का समापन

यह कांवड़ यात्रा नीलकंठेश्वर मंदिर पहुंचकर समाप्त हुई, जहां भक्तों ने पवित्र जल से शिवलिंग का अभिषेक किया। यात्रा के समापन पर वहां एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।
इस भव्य यात्रा को सफल बनाने में संघर्ष सेवा समिति के जिला अध्यक्ष सचिन दुबे, सोनू ठाकुर, पुष्पेंद्र परमार, आनंद सोनी सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर गजेंद्र सिंह बुंदेला, प्रमेन्द्र सिंह, सुमन वर्मा, नेहा चौबे जैसे कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
