झांसी, उत्तर प्रदेश: बुंदेलखंड की माटी ने एक बार फिर अपना कमाल दिखाया है। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जन्मभूमि से निकली इस ज़मीन ने अब एक और खेल रत्न दिया है। बुंदेलखंड के छतरपुर जिले की बेटी क्रांति गौंड़ का चयन महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के लिए भारतीय टीम में हुआ है, जिससे पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है।
संघर्ष से मिला विश्व कप का टिकट

21 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ क्रांति गौंड़ का चयन उनके संघर्ष, मेहनत और जुनून का नतीजा है। हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने सभी का ध्यान खींचा था, जहाँ वह इंग्लैंड सीरीज़ के आखिरी वनडे में 6 विकेट लेने वाली सबसे कम उम्र की गेंदबाज़ बनीं।
एक खेल विश्लेषक से बातचीत में क्रांति ने बताया कि कुछ समय पहले तक उन्हें खुद उम्मीद नहीं थी कि वह भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगी। श्रीलंका में त्रिकोणीय सीरीज़ के लिए उनका नाम प्लेइंग टीम में नहीं था, लेकिन काश्वी गौतम के चोटिल होने के कारण उन्हें खेलने का मौका मिला।
हरमनप्रीत कौर ने किया था प्रोत्साहित

इंग्लैंड दौरे पर शुरुआत में वह 30 खिलाड़ियों की सूची में भी नहीं थीं, लेकिन बेंगलुरु में एक विशेष कैंप में अपनी मेहनत से उन्होंने कोचों को प्रभावित किया और टीम में जगह बना पाईं। भारतीय क्रिकेट की महान गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी को अपना आदर्श मानने वाली क्रांति ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ झूलन का ही सबसे कम उम्र में 6 विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ा।
उनकी शानदार गेंदबाज़ी से प्रभावित होकर टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच जीतने के बाद अपनी ट्रॉफी क्रांति को समर्पित कर दी थी और गेंद पर उनके आंकड़े लिखकर हस्ताक्षर किए थे। हरमनप्रीत ने कहा था, “हम लंबे समय से ऐसी तेज़ गेंदबाज़ की तलाश में थे। क्रांति तुमने बहुत बेहतरीन गेंदबाज़ी की, तुम इस ट्रॉफी की हक़दार हो।”
क्रांति गौंड़ ने पहले भी सीनियर महिला एकदिवसीय टूर्नामेंट के फाइनल में ऋचा घोष को और WPL में मेग लानिंग को आउट कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। उनका यह प्रदर्शन ही उन्हें विश्व कप का टिकट दिलाने में मददगार साबित हुआ।
