झांसी: झांसी विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा शहर के बिल्डिंगों में बने बेसमेंटों को व्यापारिक उपयोग के लिए सील करने का अभियान शुरू किया गया था, जिसमें 170 से ज्यादा स्थानों को चिन्हित किया गया था। हालांकि, यह सील ज्यादा दिनों तक बरकरार नहीं रह पाई। अधिकारियों की कथित मिलीभगत से कई बेसमेंटों की सील को पिछले दरवाजे से खोल दिया गया और यहां व्यापारिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गईं।
इस मुद्दे पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह काम किसके इशारे पर और कैसे हुआ? कई प्रतिष्ठानों के बाहर तो सील लगी हुई हैं, लेकिन अंदर से व्यापार सुचारु रूप से चल रहा है। विशेष रूप से, झांसी के इलाइट चौराहे पर एक नवनिर्मित बिल्डिंग के बेसमेंट को सील करने के कुछ ही दिनों बाद सील को खोल दिया गया और व्यापार शुरू हो गया। यह पूरी घटना झांसी विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है।

यद्यपि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश दिए हैं, फिर भी अधिकारियों की मनमानी के कारण सरकारी नियमों का उल्लंघन हो रहा है। कई अस्पताल भी बेसमेंट में संचालित हो रहे हैं, जो एक संभावित खतरे का कारण बन सकते हैं। हाल ही में झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुई दुर्घटना के बाद भी प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाए हैं, जिससे यह साफ है कि अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार अभी भी जारी है।
झांसी विकास प्राधिकरण के इस कथित धोखाधड़ी मामले की गहन जांच की जरूरत है, ताकि यह पता चल सके कि किस आधार पर कुछ प्रतिष्ठानों की सील खोली गई और अन्य पर कार्रवाई नहीं की गई।
