आगरा। पुलिस-प्रशासन की पिछले दिनों से सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर चल रही कवायद मतगणना के दिन सफल दिखाई दी। मतगणना स्थल से एक-एक किमी पहले ही डायवर्जन कर दिया था। समिति मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर एडीसीपी रैंक के एक अधिकारी को जिम्मेदारी दी थी। उनके नेतृत्व में पुलिस व ट्रैफिक पुलिस सुरक्षा और यातायात व्यवस्था देख रही थी। सुबह छह बजे से अधिकारियों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभाल ली थी। पूरा दिन पुलिस मुस्तैद दिखी। प्रत्याशियों के साथ आने वाली भीड़ को काबू करने में पुलिस को एक से दो बार बल का प्रयोग करना पड़ा।
13 मई शनिवार का जिले के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। मेयर से लेकर पार्षद तक के सभी प्रत्याशी सुबह से ही मतगणना स्थल पर पहुंचने के लिए आतुर थे। लोग अधिक से अधिक पहुंचकर अपने प्रत्याशी की हौसला अफजाई करना चाहते थे। मंडी समिति से एक किमी दूर ही पहुंचे थे कि पुलिस सुरक्षा में लगे जवानों ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। मंडी समिति से रामबाग फ्लाई ओवर पर बैरीकेडिंग लगी थी। वहां से वाहनों को रोका गया। टूंडला की तरफ से शाहदरा पर पुलिस बेरिकेट लगाकर रोक रही थी। यहां से पैदल जाने पर भी पाबंदी थी। कुछ ही लोग मंडी समिति के गेट तक पहुंच सके। यहां से अंदर जाने की उन्ही लोगों को अनुमति थी। जिन्हे प्रशासन से पास जारी हुए थे।
सूची में किया जा रहा था मिलान
मीडिया से लेकर मतगणना में शामिल होने वाले सभी लोगों को पुलिस-प्रशासन से पास जारी हुए थे। उनकी सूची समिति मंडी के मुख्य दरवाजे पर अलग-अलग टीमों को दे दी गई थी। एडीसीपी शिवलाल यादव के नेतृत्व में थाना प्रभारी हरीपर्वत अरविंद कुमार सिंह, टीआई, टीएसआई सूची से जारी पास का मिलान करने के बाद ही अंदर जाने दे रहे थे। बोलेरो यूपी 80 जीई 4565 गाड़ी मंडी के दरवाजे से कई बार अंदर-बाहर हो रही थी। पुलिस ने रोककर तलाशी ली। गाड़ी में कई लोग बैठे थे। उसमें खाने-पीने का सामान भी था। गाड़ी पर शमशाबाद नगर पालिका के एक प्रत्याशी का पास लगा हुआ था। पुलिस ने गाड़ी को पुलिस लाइन भेज दिया।
दायरे में बांध दिये पत्रकार
पूर्व से इस बार व्यवस्था बदली हुई थी। पत्रकारों को मीडिया पंडाल में रहने को कहा गया। वह धूप से बचने के लिए पेड़ों के नीचे गुट बनाकर बैठे दिखे। रिटर्निंग ऑफिसर माइक से आवाज देकर बोल रहा था, मीडिया उसे ही लिख रही थी। पत्रकार इस बार आरओ टेबिल और ईवीएम के दर्शन नहीं कर पाये। फोटो खींचने पर भी एक सीमा रेखा खींच दी थी। उनको कहा गया था कि यहां से आगे जाना मना है।
नहीं बजने दिये ढोल-नगाड़े
प्रत्याशी जीतने के बाद खुशी जाहिर करने को ढोल-नगाड़े साथ लेकर आये थे। पुलिस ने हाईवे पर ही उनको रोक दिया था। हिदायत दी कि यहां शोर मत करना। घर जाकर ढोल बजाना। जीत की खुशी में कुछ लोगों ने आवेश में आकर नारेबाज करते हुए ढोल बजाये। पुलिस ने उन्हे खदेड़ दिया। पुलिस ने हाईवे पर भीड़ जमा नहीं होने दी। सर्विस रोड को भी मंडी से 500 मीटर दूर रोक दिया था।
पानी को तरसे , गर्मी से बेहाल हुए लोग
प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की हुई थी। उसके बाद भी लोग पानी के लिए भटकते दिखाई दिये। पानी के टैंकर खड़े थे। लोग उससे पानी पीने में कतराते दिखे। मतगणना में एजेंट पानी को परेशान रहे। वह सिफारिशे करते दिखे कि कैसे भी एक बोतल पानी की ला दीजिये। हाईवे पर प्रतिबंधित एरिया में एक भी दुकान नहीं थी। डकेल जैसे एक दुकान पर पानी खरीदने के लिए मारामारी थी। बताया जा रहा है कि पुलिस की मेहरबानी से डकेल लगाई थी।