अग्र भारत संवाददाता आगरा। राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक क्षेत्र फतेहपुर सीकरी में अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए दर्ज मुकदमा भी प्रभावी साबित नहीं हो सका है। हैरानी की बात यह है कि जिस समय अवैध निर्माण के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, उस वक्त निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में था, लेकिन आज उसी स्थान पर बहुमंजिला भवन खड़ा कर दिया गया है। यह सब कुछ थाना फतेहपुर सीकरी की नाक के नीचे हुआ, परंतु पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण सहायक उप-मंडल फतेहपुर सीकरी द्वारा थाना प्रभारी को दिए गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि केंद्रीय संरक्षित स्मारक फतेहपुर सीकरी के विनियमित क्षेत्र में बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के निर्माण कार्य कराया जा रहा है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष (संरक्षण एवं विधिमान्यकरण) अधिनियम 2010 के तहत 100 मीटर का क्षेत्र पूर्ण प्रतिबंधित और उसके आगे 200 मीटर का क्षेत्र विनियमित घोषित है, जहां बिना अनुमति किसी भी प्रकार का निर्माण गैरकानूनी है। इसके बावजूद न तो निर्माण रोका गया और न ही एफआईआर के बाद पुलिस ने कोई सख्त कदम उठाया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि थाना फतेहपुर सीकरी में कानून का पैमाना अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग है। एक ओर कस्बे के एक आम व्यक्ति के खिलाफ एएसआई की एफआईआर होने पर पुलिस उसकी जगह पर टीनशेड तक नहीं लगाने देती, वहीं दूसरी ओर कथित रूप से प्रभावशाली लोगों को संरक्षण देकर बहुमंजिला इमारतें खड़ी कराई जा रही हैं। सबसे गंभीर सवाल यह है कि यह पूरा अवैध निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और पुरातत्व कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए किया गया, लेकिन थाना पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इससे पुलिस की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने उच्चाधिकारियों से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
फतेहपुर सीकरी के संरक्षित इमारत क्षेत्र में कथित संलिप्तता से जमकर हो रहे हैं अवैध निर्माण
राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक फतेहपुर सीकरी के आसपास अवैध निर्माण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर कुछ प्रभावशाली लोगों और जिम्मेदारों की कथित मिलीभगत से प्रतिबंधित एवं विनियमित क्षेत्र में लगातार निर्माण कराया जा रहा है। एएसआई की रिपोर्ट और एफआईआर के बावजूद कार्रवाई न होना इस संलिप्तता की ओर इशारा करता है। यदि समय रहते सख्ती नहीं बरती गई तो विश्व धरोहर फतेहपुर सीकरी की मूल संरचना और विरासत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
इनका कहना है। प्रकरण संज्ञान में नहीं है। अगर एफआईआर होने के बावजूद भी अवैध निर्माण जारी रहा है तो इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी।
शैलेन्द्र सिंह-एसीपी अछनेरा सर्किल
