आगरा – एक दुखद और गंभीर मामले में, जिला अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अचल प्रताप सिंह ने दहेज हत्या और अन्य गंभीर आरोपों में ससुरालीजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद थाना सिकंदरा को विवेचना करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
घटना का विवरण
मामला वादी बनवारी निवासी ग्राम अरसेना, थाना सिकंदरा, जिला आगरा का है। वादी ने अपनी दोनों पुत्रियों मिथलेश और रीना की शादी 1 दिसंबर 2016 को दो सगे भाइयों सोरन और घनश्याम के साथ एक ही मंडप में आयोजित की थी। वादी के अनुसार, उसके दोनों दामाद और उनके परिवार के सदस्य, जिनमें ससुर लाखन सिंह, सास कृष्णा, जेठ सोरन, देवर पवन और ननद प्रीति शामिल हैं, दहेज के रूप में पांच लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
उत्पीड़न और मारपीट
शादी के बाद, आरोपियों ने वादी की दोनों पुत्रियों को दहेज की मांग को लेकर उत्पीड़ित किया। जब दहेज की मांग पूरी नहीं हो सकी, तो आरोपियों ने वादी की पुत्रियों को घर से निकाल दिया। इसके बाद पंचों की मध्यस्थता से सुलह हुई और वादी की दोनों पुत्रियां पुनः अपने ससुराल लौट गईं।
25 जुलाई 2024 को हुई मारपीट और हत्या
25 जुलाई 2024 को, आरोपियों ने फिर से दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर वादी की दोनों पुत्रियों, मिथलेश और रीना के साथ बुरी तरह से मारपीट की। इस दौरान, रीना ने पुलिस में शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उसे गला दबाकर हत्या कर दी और शव को फांसी के फंदे पर लटका दिया।
इसके बाद, मिथलेश को जान से मारने की धमकी देकर उसे चुप करवा दिया गया। पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न करने पर, वादी ने अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।
अदालत का आदेश
वादी के प्रार्थना पत्र को गंभीरता से लेते हुए, सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने मृतका रीना के पति घनश्याम, जेठ सोरन, ससुर लाखन सिंह, सास श्रीमती कृष्णा, देवर पवन और ननद प्रीति के खिलाफ दहेज हत्या और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही, उन्होंने थाना सिकंदरा को इस मामले की विवेचना करने के निर्देश दिए।
पुलिस कार्रवाई
सीजेएम के आदेश के बाद, अब पुलिस मामले की जांच करेगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय दहेज हत्या और महिला उत्पीड़न के खिलाफ कानून के प्रभावी कार्यान्वयन का उदाहरण है।