लखनऊ । गाय को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की जरूरत है। यह बात इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कही है, कोर्ट ने कहा है कि लगातार इसकी मांग हो रही है। इसलिये केंद्र सरकार गोवध रोकने का निर्णय ले। इसके बाद केंद्र सरकार शीघ्र ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकती है।
न्यायमूर्ति शमीम अहमद की एकलपीठ ने कहा है कि देश में सभी धर्मों के सम्मान के साथ हिंदुओं में गाय को ईश्वर का प्रतिनिधि होने की आस्था है। हिन्दू धर्म में गाय को पशुओं में सबसे पवित्र माना गया है। सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाली कामधेनु के रूप में भी इसे पूजा जाता है। इसके पैर चारों वेद, स्तन को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के रूप में चार पुरुषार्थ का प्रतीक माना जाता है। पुराणों में भी गाय दान को सर्वोत्तम कहा गया है।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शमीम अहमद की एकल पीठ ने कहा कि वेदिक काल से ही भारत में गाय को माता माना जाता है। उन्होंने कहा कि गाय व गोवंश का वैदिक काल से लेकर मनुस्मृति, महाभारत, रामायण में वर्णित धामिक महत्व के साथ ही व्यापक अर्थिक महत्व भी है। गाय से मिलने वाले पदार्थों से पंचगव्य तक बनता है। भगवान राम के विवाह में भी गायों को उपहार में देने का वर्णन है। कोर्ट ने कहा कि देश में लगातार गोवंश के संरक्षण की मांग हो रही है। इस लिए भारत सरकार गोवध पर रोक लगाने का निर्णय लें और देश में गऊमाता को संरक्षित राष्ट्रीय पशु घोषित करे।