सुल्तान आब्दी
झॉंसी। उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के पत्र दिनांक 21 अक्टूबर, 2025 के द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित विभिन्न सात पाठ्यक्रमों को 04 नवीन विषयों सहित बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, की प्रथम परिनियमावली में कला एवं विज्ञान संज्ञान के अंतर्गत समाविष्ट करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
इनमें 04 नवीन विषयों बिजिनेस एनालिटिक्स, ई0 विजिनेस, योग विज्ञान एवं यंत्र विन्यास पाठ्यक्रम आगामी सत्र से प्रारम्भ किये जाने हेतु विश्वविद्यालय की विद्या परिषद् एवं कार्य परिषद् के अनुमोदन के पश्चात राज्यपाल/ कुलाधिपति को प्रथम परिनियमावली में समाहित करने हेतु विश्वविद्यालय से प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। जो कि कला संकाय एवं विज्ञान संकाय के अन्तर्गत समाविष्ट होगा। इसी प्रस्ताव को कुलाधिपति ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के मेजर ध्यानचंद शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा योगिक विज्ञान में एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा ;पी.जी.डी.वाई.एस. कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 की भावना के अनुरूप है,जो समग्र और बहु.विषयक शिक्षा पर बल देती है। इस नए पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को योग के दार्शनिक आधार से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक पहलुओं तक का व्यापक ज्ञान प्रदान करना है। इस डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से छात्र न केवल योग की गहन समझ हासिल करेंगेए बल्कि उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। पाठ्यक्रम में योग के इतिहास, दर्शन, आसन, प्राणायाम,मुद्रा,बंध,शत्कर्मों के साथ.साथ योगिक अभ्यासों की शारीरिक रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान को भी शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम मे प्रवेश के लिए योग्यता किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री निर्धारित की गई है। प्रवेश प्रक्रिया शैक्षणिक योग्यता और व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर होगी। इस डिप्लोमा के पूरा होने पर विद्यार्थी स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, वेलनेस सेंटर, कॉर्पोरेट हाउसों के साथ.साथ खेल संस्थानों में योग प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर सकेंगे। इसके अलावा वे अपना स्वयं का योग स्टूडियो भी शुरू कर सकते हैं।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का यह कदम निश्चित रूप से क्षेत्र के युवाओं को योग के क्षेत्र में उच्च शिक्षा और बेहतर रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगा। आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही उपलब्ध करा दी जाएगी।
कुलाधिपति द्वारा हाल ही में इंस्ट्रूमेंटेशन विषय को विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों में सम्मिलित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस दिशा में विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर नवोन्मेषी एवं व्यावहारिक कार्यक्रमों को प्रारम्भ करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
आगामी शैक्षणिक सत्र से बी.एससी. ऑनर्स इंस्ट्रूमेंटेशन चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा। इसके अतिरिक्तए विद्यार्थियों को कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु प्रमाणपत्र , डिप्लोमा तथा उच्च स्तरीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम भी निकट भविष्य में प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है
इन अल्पकालिक एवं विशेषज्ञता.आधारित कार्यक्रमों में सेंसर एवं ट्रांसड्यूसर टेक्नोलॉजी बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन, प्रोसेस कंट्रोल एंड ऑटोमेशन, इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट एंड डेटा एक्विज़िशन इंडस्ट्रियल इंस्ट्रूमेंटेशन, एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंटेशन तथा स्मार्ट इंस्ट्रूमेंटेशन एंड एप्लीकेशन जैसे विषय सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों को आधुनिक उपकरण विज्ञान, सेंसर तकनीकए स्वचालन, नियंत्रण प्रणाली एवं डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में व्यावहारिक दक्षता और अनुसंधान.उन्मुख दृष्टिकोण प्रदान करना है, जिससे उन्हें उद्योगए अनुसंधान प्रयोगशालाओं एवं स्वास्थ्य.प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उत्कृष्ट रोजगार एवं नवाचार के अवसर प्राप्त हो सकें।
एम।बी.ए. ;बिज़नेस एनालिटिक्स दो वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रम आज का युग डेटा और तकनीक पर आधारित निर्णयों का युग है। आज हर उद्योग चाहे वह बैंकिंग हो, वित्त,विपणन, स्वास्थ्य सेवा या आईटी सभी सही निर्णय लेने के लिए एनालिटिक्स पर निर्भर हैं। कार्यक्रम में प्रबंधन, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी का उत्कृष्ट समन्वय किया गया है। डेटासंग्रह, विज़ुअलाइज़ेशन, सांख्यिकीय मॉडलिंग, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे आधुनिक उपकरणों के माध्यम से जटिल व्यावसायिक समस्याओं को हल किया जा सकता है। यह कोर्स केस स्टडी, लाइव प्रोजेक्ट, शोध सर्वेक्षण और सॉफ़्टवेयर प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को डेटा से जुड़ी जानकारी को समझनेए उसका विश्लेषण करने और व्यवसायिकरण नीति बनाने में सक्षम बनाता है।
इस कार्यक्रम के स्नातकों के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्र दोनों में उत्कृष्ट करियरअवसर उपलब्ध हैं।
एम.बी.ए. बिज़नेस एनालिटिक्, प्रबंधन, डेटा एनालिटिक्स और आर्थिक नीति के मिश्रण के कारण विद्यार्थियों को नेतृत्व एवं विश्लेषणात्मक भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.मुकेश पांडे ने बताया कि वर्तमान परिवेश में इन नवीन विषयों जैसे बिजिनेस एनालिटिक्स, ई0 विजिनेस के माध्यम से छात्रों को रोजगार – स्वरोजगार और उद्यमिता के सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे।

 
			 
		 
		 
		