– हार कर भी जीत गया बदलाव: ताज प्रेस क्लब में युवाओं ने तोड़ा ‘चाणक्य राजनीति’ का मिथक
– ताज प्रेस क्लब चुनाव 2025: बुज़ुर्गों का आशिर्वाद, युवाओं की जीत — टूटा पुराना साम्राज्य
– ‘चाणक्य’ हारे, युवा जीते! ताज प्रेस क्लब में युगांतकारी बदलाव की दस्तक
आगरा। आगरा के ऐतिहासिक ताज प्रेस क्लब के चुनाव 2025 में इस बार वो हुआ जिसकी किसी ने उम्मीद तक नहीं की थी। वर्षों से “मठाधीशों का साम्राज्य” कहे जाने वाले क्लब की सत्ता की जड़ें इस चुनाव में हिल गईं।
इस बार का मतदान न सिर्फ एक संगठनात्मक प्रक्रिया रहा बल्कि एक बगावत, एक पीढ़ीगत क्रांति और बदलाव की गूंज भी बना। उन चेहरों का प्रभाव टूट गया जो स्वयं को पत्रकारिता जगत का चाणक्य समझते थे।
सबसे दिलचस्प कहानी रही कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रदीप कुमार रावत की, जो कहते हैं — “मैं राजनीति में कभी नहीं पड़ना चाहता था, लेकिन साथियों ने मेरे नामांकन की समय सीमा बीतने के बावजूद मुझे मैदान में उतारा।”
इस अप्रत्याशित नामांकन के बाद रावत का मुकाबला उन ताकतवर धुरंधरों से था जिनकी चाल और रणनीति का वर्षों से कोई तोड़ नहीं था। किंतु इस बार—“चाणक्य का मिथक टूटा।”
रावत स्वयं के शब्दों में यह ‘‘व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि बदलाव की जीत’’ थी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों और सेवा निवृत्त साथियों ने युवा पत्रकारों को प्रोत्साहन देकर हर मिथक को जमींदोज कर दिया।
“मैं इसे हार नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक जीत मानता हूं। क्योंकि इसी रणनीति के तहत मेरे अनुज ने शानदार विजय हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि ताज प्रेस क्लब में अब बदलाव अवश्यंभावी है,” — प्रदीप कुमार रावत।
इस चुनाव में युवाओं की भूमिका निर्णायक रही। बुजुर्ग पत्रकारों के मार्गदर्शन ने युवाओं को मंच दिया और परिणाम स्वरूप प्रेस क्लब की दशकों पुरानी परंपरा को नई दिशा मिली।
रावत ने अपने बालसखा, मार्गदर्शकों और समर्थकों का आभार जताते हुए कहा कि यह “बदलाव की लहर” अब प्रेस क्लब को पारदर्शी, जवाबदेह और पत्रकारों के वास्तविक हितों की संस्था बनाएगी।
“कहा जाता है कि हर हार के पीछे एक बड़ी जीत होती है… ताज प्रेस क्लब का यह बदलाव उसी जीत का संकेत है,” — रावत का आत्मविश्वास झलकता है।
आख़िर में उन्होंने नई कार्यकारिणी को मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि आगरा की पुण्य भूमि से अब वरिष्ठ और युवा मिलकर पूर्व की कालिख मिटाएंगे और प्रेस क्लब की गरिमा को नए शिखर तक पहुंचाएंगे।
