मथुरा। ब्रज में होली का उल्लास चारों ओर छाया हुआ है। ब्रज की अनूठी होली में लड्डू होली से लेकर लट्ठमार होली तक, सब कुछ पौराणिक घटनाओं की साक्षी लीलाएं हैं। हर लीला यानी होली का अपना महत्व है। कान्हा और राधा जी से जुड़ी इन लीलाओं को देखकर श्रद्धालु आनंदित हो जाते हैं। तभी तो किसी ने कहा है “सब जग होरी या ब्रज होरा”। लगातार प्रचार-प्रसार के बाद अब ब्रज की होली को देखने के लिए हर साल भीड़ बढ़ती जा रही है। लोग ब्रज की होली का साक्षी बनने की लालसा लिए खिंचे चले आते हैं।
ब्रज की होली का कार्यक्रम
- 7 मार्च: बरसाना की लड्डू होली
- 8 मार्च: बरसाना की लट्ठमार होली
- 9 मार्च: नंदगांव की लट्ठमार होली और गांव रावल की रंग लट्ठमार होली
- 10 मार्च: श्री कृष्ण जन्मस्थान व श्री बांके बिहारी जी मंदिर की फूल होली
- 11 मार्च: श्री द्वारिकाधीश मंदिर की होली व गोकुल की छड़ीमार होली
- 13 मार्च: चतुर्वेदी समाज का डोला व गांव फालैन की होलिका दहन
- 14 मार्च: धुलेंडी
- 15 मार्च: दाऊजी का हुरंगा, नंदगांव का हुरंगा, ग्राम जाब का हुरंगा, मुखराई का चरकुला
- 16 मार्च: बठैन का हुरंगा, गिडोह का हुरंगा
- 21 मार्च: महावन में छड़ीमार होली
- 22 मार्च: वृंदावन में श्री रंग जी मंदिर की होली
इसके अतिरिक्त, मंदिरों में प्रतिदिन होली खेली जा रही है। भक्तों पर मंदिरों में अबीर गुलाल उड़ाया जा रहा है। अबीर गुलाल में सराबोर होकर निकलने वाले श्रद्धालु खुद को धन्य मान रहे हैं। होली की खुमारी दिन प्रतिदिन ब्रज में गहरी होती जा रही है।
प्रशासनिक व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। बरसाना में 56 पार्किंग, 94 बैरियर, 7 कुंडों की बैरिकेडिंग, 6 वॉच टॉवर बनाए जा रहे हैं। नंदगांव में 16 पार्किंग तथा 35 बैरियर बनाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।