-
पद स्वास्थ्य पर्यवेक्षक का.… काम स्वास्थ्य शिक्षा और सूचना अधिकारी का
-
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक को लेकर लग रहा है सांवरिया निशान
मैनपुरी। जनपद मैनपुरी में एक बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला निकलकर सामने आया है। जो मीडिया और अखबार समाचार पत्रों की सुर्ख़ियों में लगातार चल रहा है जहां पर स्वास्थ्य विभाग में एक कर्मी स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद पर तैनात होने के बाबजूद भी वह स्वास्थ्य शिक्षा और सूचना अधिकारी का कार्यभार संभाल रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं है। उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी होते हुए भी वह स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पर मेहरबान हैं।
दरअसल जनपद मैनपुरी के सुल्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद पर रविंद्र सिंह गौर की तैनाती है। लेकिन वर्तमान में वह पिछले पांच सालों से भी अधिक समय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा और सूचना अधिकारी का कार्यभार देख रहे हैं।
इसको लेकर खबर भी प्रमुखता के साथ प्रकाशित हुई। लेकिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मेहरबानी के चलते अभी तक उन पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो सकी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अभी तक उन्हें पर्यवेक्षक की तैनाती सीएससी केंद्र पर वापस नहीं भेजा है और ना ही दूसरे अधिकारी के पद पर काबिज रविंद्र गौर को पद से हटाया है।
इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर भी सांवलिया निशान लगाते हुए नजर आ रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप है कि सूचना एवम स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद को एक सीएससी सुल्तानगंज में पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी की तैनाती हो सकती है तो विभाग में ऐसे कई कर्मचारी हैं जो इस भार पद को पूर्ण तरह कर्म निष्ठा के साथ निर्वाह कर सकते हैं तो आखिर पर्यवेक्षक पद पर तैनात रविंद्र गौर ही क्यों, जबकि इस पोस्ट पर जिस हालत अधिकारी की पोस्ट होनी चाहिए थी उनका स्थानांतरण करहल सीएससी केंद्र पर के लिए कर दिया गया।
ये भी पढ़ें…स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी और लापरवाही: झोलाछाप डॉक्टरों और प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों की बल्ले-बल्ले
सूत्रों के मुताबिक अब स्वास्थ्य विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि रविंद्र गौर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को ऊपरी कमाई का खेल गोपनीय तरीके से करा रहे है।
स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पर मेहरबान सीएमओ
स्वास्थ्य विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र सिंह गौर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्र गुप्ता इतने मेहरबान क्यों है, जो वह पर्यवेक्षक को उसकी मूल तैनाती पर ड्यूटी के लिए नहीं भेज रहे हैं।
क्या स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी का पद है खाली
चर्चा का विषय बना हुआ है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा एक स्वास्थ्य पर्यवेक्षक से स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी का कार्य कराया जा रहा है। क्या पर्यवेक्षक के द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं, उसकी उन्हें जानकारी है भी या नहीं। वहीं सबसे बड़ा सवाल तो यह कि जब सुल्तानगंज में तैनात स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एक द्वारा सीएमओ कार्यालय पर कार्य संपादित किया जा रहा है तो फिर सुल्तानगंज सीएचसी पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक का कार्यभार कौन संभाल रहा है।
आखिर सीएमओ क्यों नहीं कर रहे कार्यवाही
मामले में विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र सिंह गौर एक भाजपा नेता का बेहद करीबी है। जब भी रविंद्र सिंह गौर को लेकर कोई समस्या आती है तो भाजपा नेता के द्वारा सीएमओ को ऐसा क्या बोल दिया जाता है। जिसके कारण वह उक्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
क्या सीएमओ स्वयं गौर के हाथों की बने कठपुठलीमु
मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस समय वही काम करते हैं। चाहे स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा हुआ मामला कोई भी हो जैसा उक्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक कहेगा, सीएमओ वैसा ही करेंगे। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं रविन्द्र सिंह गौर के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी पर किसकी हो सकती है तैनाती
यदि इस मामले में जानकारों की मानें तो उनके द्वारा बताया गया है कि स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी के पद पर सिर्फ और सिर्फ स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी की ही तैनाती हो सकती है। यदि जिले में एक भी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी नहीं है। इसके बाद का यह विषय है कि इस पद पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी किसकी तैनाती करते हैं। लेकिन वर्तमान में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी जिले में होते हुए भी इस पद पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की तैनाती होना, कहीं ना कहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संदेह के घेरे में खड़ा करती हुई नजर आ रही है।
स्वास्थ्य परवेक्षक गौर की तैनाती पुराने वाले सीएमओ करके गए हैं – सीएमओ
जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्र गुप्ता से स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र सिंह गौर को लेकर बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं। पुराने वाले सीएमओ जैसा करके गए हैं। वैसा ही चल रहा है।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ब्लॉक लेवल का होता है अधिकार – डॉ. आरसी गुप्ता
वहीं जब उनसे पूछा गया कि अभी वर्तमान में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर कितने लोग तैनात हैं। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा स्पष्ट रूप से कह दिया गया कि वह तो ब्लॉक लेवल के अधिकारी होते हैं। अब सवाल यहां उठता है कि यदि स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ब्लॉक लेवल का अधिकारी होता है, तो फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी किस लेवल का होता है।
ये बोले मुख्य चिकित्सा अधिकारी
स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र सिंह गौर मामले में हुई कार्यवाही को लेकर सीएमओ से पूछा गया कि आपके द्वारा 20 दिन पूर्व पत्रावली मंगवाकर कार्यवाही करने की बात कही गई थी। जिसके बाद सीएमओ डॉ रमेश चंद्र गुप्ता के द्वारा कहा गया कि इस मामले में पत्रावली मंगवा ली गई है। इस मामले में कार्यवाही की लिए महानिदेशक को पत्र लिख दिया गया है, बस इसके आगे मैं कुछ नहीं जानता और उनके द्वारा फोन काट दिया गया।